रांची में हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे में है साढ़े आठ एकड़ जमीन : प्रवर्तन निदेशालय

एजेंसी ने कहा कि इन भूखंडों की छानबीन किये जाने पर यह पता चला कि ये सोरेन के अवैध कब्जे और इस्तेमाल में हैं. वहीं, सोरेन ने दलील दी है कि ये भूखंड छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम के तहत आते हैं और इन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सकता.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
रांची:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि गिरफ्तार किये गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे व उपयोग में यहां करीब 8.5 एकड़ कुल क्षेत्रफल के एक दर्जन भूखंड हैं और यह धन शोधन रोधी कानून के तहत अपराध से अर्जित आय है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के शीघ्र बाद सोरेन (48) को ईडी ने बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने दिन में उनसे सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता के खिलाफ संघीय एजेंसी ने जो आपराधिक मामला दर्ज किया है वह जून 2023 की ईसीआईआर (प्राथमिकी के समान) से उपजा है. इससे पहले, राज्य सरकार के कर्मचारियों और राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे.

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, एजेंसी ने प्रसाद के परिसरों से 11 बड़े बक्से बरामद किये जिनमें जमीन के दस्तावेज रखे हुए थे. साथ ही, 17 मूल खाते भी बरामद किये थे. ईडी का दावा है कि प्रसाद भूमि रिकॉर्ड और उनके सरकारी स्वामित्व विवरण के कई मूल खातों के संरक्षक थे. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि प्रसाद भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे जिनमें मूल रिकॉर्ड का फर्जीवाड़ा भी शामिल है और वह फर्जी तरीके से कई संपत्ति की खरीद से जुड़ी गतिविधियों में कई व्यक्तियों के साथ संलिप्त थे.

ईडी ने झारखंड सरकार के साथ यह सूचना साझा की जिसने रांची के सदर पुलिस थाने में एक जून 2023 को प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की. केंद्रीय एजेंसी ने 26 जून 2023 को ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने के लिए इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया. ईडी का दावा है कि प्रसाद, हेमंत सोरेन की अवैध संपत्तियों सहित कई संपत्तियों की खरीद एवं उन्हें छिपाने में अन्य लोगों के साथ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे.

Advertisement

इसने कहा कि ये विवरण भी प्रसाद के मोबाइल फोन से हासिल किये गए. आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, सोरेन को बुधवार रात 10 बजे राजभवन से ईडी ने गिरफ्तार किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी तलाशी लिये जाने के दौरान एक धार्मिक लॉकेट और एक अंगूठी निकालने से इनकार दिया. एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी के आधार का विवरण देते हुए कहा कि इसने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कई व्यक्तियों के बयान दर्ज किये थे और इस कवायद से यह स्थापित हुआ कि 12 भूखंड एक दूसरे के सामने स्थित हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 8.5 एकड़ है. ईडी ने कहा कि ये भूखंड सोरेन द्वारा अवैध रूप से हासिल किये गए हैं और उनके अवैध इस्तेमाल में हैं तथा यह बात उन्होंने छिपाकर रखी.

Advertisement

एजेंसी ने कहा कि इन भूखंडों की छानबीन किये जाने पर यह पता चला कि ये सोरेन के अवैध कब्जे और इस्तेमाल में हैं. वहीं, सोरेन ने दलील दी है कि ये भूखंड छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम के तहत आते हैं और इन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सकता तथा रांची में विशेष नियमन अधिकारी ने 29 जनवरी को इसके मूल मालिक को इसका कब्जा बहाल किया था. उन्होंने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन से हासिल किये गए दस्तावेज को उन्हें फंसाने एवं गिरफ्तार करने के लिए बिल्कुल सत्य नहीं माना जा सकता.

Advertisement

झामुमो नेता ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर राजभवन (गवर्नर हाउस) से रात 10 बजे हुई अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. ईडी ने कहा है कि इसने दिल्ली में सोरेन के आवासीय परिसरों की तलाशी ली और सोरेन के उपयोग वाले कमरे से 36,34,500 रुपये नकद बरामद किये.

Advertisement

ये भी पढ़ें-:

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Google News: America के क़ानून विभाग ने कहा है कि गूगल अपने Chrome को बेच दे | NDTV India
Topics mentioned in this article