सेंथिल बालाजी के बाद तमिलनाडु सरकार के एक और मंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है. ईडी ने तमिलनाडु सरकार में शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनके सांसद बेटे गौतम सिगामणि के ठिकानों पर छापेमारी की. टीम ने यहां से 41.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है. पोनमुडी विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके 49 वर्षीय बेटे गौतम सिगमणि कल्लाकुरिची सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य हैं.
वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत मंत्री से जुड़े सात स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था.
ईडी के अधिकारी अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापेमारी के बाद पोनमुडी को कार्यालय लेकर पहुंचे. केंद्रीय बलों की सुरक्षा के बीच पोनमुडी को चेन्नई के ईडी कार्यालय लाया गया और उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की गई. ईडी ने मंत्री पोनमुडी को मंगलवार शाम चार बजे एजेंसी कार्यालय में दोबारा पूछताछ के लिए तलब किया था.
दरअसल, तमिलनाडु सरकार के मंत्री के पोनमुडी पर आरोप है कि साल 2007 से 2011 के बीच खनन मंत्री रहते हुए उन्होंने खनन लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया. इससे सरकारी खजाने को करीब 28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसी मामले में ईडी ने अब पोनमुडी और उनके सांसद बेटे सिगामणि के खिलाफ कार्रवाई की.
के पोनमुडी, तमिलनाडु सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने के पोनमुडी के नौ ठिकानों पर छापेमारी की. के पोनमुडी के अलावा उनके रिश्तेदारों और दोस्तों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. पोनमुडी के खिलाफ राज्य पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके खिलाफ मंत्री ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
वहीं, डीएमके ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं.
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