प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के प्रमुख एसके मिश्रा (SK Mishra) को एक और साल का सेवा विस्तार मिला है. उनकी सर्विस में ये तीसरा सेवा विस्तार है. इस विस्तार के साथ वह अगले साल इस पद पर पांच साल पूरे कर लेंगे. पिछले साल एसके मिश्रा प्रवर्तन निदेशालय में एक साल का सेवा विस्तार पाने वाले पहले अधिकारी बने.
एसके मिश्रा 19 नवंबर, 2018 को ईडी के निदेशक नियुक्त किए गए थे. ईडी निदेशक का निश्चित कार्यकाल दो साल होने की वजह से उनका कार्यकाल अगले हफ्ते खत्म हो रहा था. 60 वर्षीय मिश्रा 1984 बैच के आयकर कैडर में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं.
एस. के. मिश्रा आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर रहें और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के विदेशी कर विभाग में भी अपनी सेवा दे चुके हैं, जो विदेशों में धन छुपाने वाले भारतीयों के मामलों से संबंधित है. उन्होंने नेशनल हेरल्ड मामले में नेहरू-गांधी परिवार की संलिप्तता और कुछ अन्य प्रमुख मामलों में विभाग की जांच में भी अहम भूमिका निभाई.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को 16 नवंबर, 2021 से आगे बढ़ाने से रोक दिया था. कॉमन कॉज की ओर से दायर मामले में 8 सितंबर, 2021 को दिए गए अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि एसके मिश्रा को और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए, जिनका ईडी निदेशक के रूप में कार्यकाल 16 नवंबर, 2021 को समाप्त होना था.
कोर्ट ने माना था कि केंद्र केवल "दुर्लभ और असाधारण परिस्थितियों" में ईडी निदेशक के कार्यकाल को 2 साल से आगे बढ़ा सकता है. बाद में, नवंबर 2021 में, एसके मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले, केंद्र ने सीवीसी अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, ताकि केंद्र ईडी निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ा सके. अध्यादेश को दिसंबर 2021 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था. अध्यादेश के आधार पर, मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाया गया था. अब तीसरी बार उन्हें सर्विस एक्सटेंशन दिया गया है.
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