MMTC धोखाधड़ी केस में ED की कार्रवाई, ज्वैलरी कंपनी की 363 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच

चार्जशीट में सुकेश गुप्ता और अन्य के खिलाफ एमएमटीसी लिमिटेड के साथ "धोखाधड़ी" करके बायर क्रेडिट स्कीम के तहत सोना खरीदने की बात कही गई थी. 

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धनशोधन निवारण कानून की धाराओं के तहत अस्थायी रूप से 45 संपत्तियां अटैच (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी से कथित धोखाधड़ी (MMTC Fraud) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में एक ज्वैलरी कंपनी की 363 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की है. प्रवर्तन निदेशालय ने अपने बयान में बताया कि एमबीएस ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमबीएस इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, सुकेश गुप्ता, अनुराग गुप्ता, नीतू गुप्ता, वंदना गुप्ता और उनके समूह की अन्य इकाइयों की 45 अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अस्थायी रूप से अटैच किया गया है. 

ईडी ने आरोपियों के खिलाफ हैदराबाद सीबीआई एंटी करप्शन ब्यूरो की एफआईआर और 2014 में दायर चार्जशीट के आधार पर केस तैयार किया था. चार्जशीट में सुकेश गुप्ता और अन्य के खिलाफ एमएमटीसी लिमिटेड के साथ "धोखाधड़ी" करके बायर क्रेडिट स्कीम के तहत सोना खरीदने की बात कही गई थी. 

ईडी ने बयान में कहा कि सुकेश गुप्ता ने एमएमटीसी हैदराबाद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार बिना फॉरेक्स कवर और पर्याप्त सुरक्षा जमा के सोना उठाया. गुप्ता और उसकी कंपनियों के बकाये के बारे में एमएमटीसी मुख्यालय को लगातार गलत जानकारी दी गई और बिना मौजूदा घाटा चुकाए उसकी कंपनियों ने निजी फायदे के लिए एमएमटीसी से सोना उठाना जारी रखा. जिससे 504.34 करोड़ रुपये के सरकारी धन (31 मई 2021 तक ब्याज के 277.52 करोड़ रुपये समेत) का नुकसान हुआ. 

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