अप्रत्याशित गर्मी और बिजली की रिकॉर्ड डिमांड (Electricity Demand) की वजह से देश के कई बड़े थर्मल पावर स्टेशन (Thermal Power Station) कोयले के संकट (Coal Crisis) से जूझ रहे हैं. सरकारी आकड़ों के मुताबिक आज देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशन में से करीब 10% के पास 5% या उससे भी कम कोयले का स्टॉक बचा है. ऊर्जा मंत्री आर के सिंह (Energy Minister RK Singh) ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) को कोयला का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा.
देश में कोयला संकट के दौरान मंगलवार को पहली बार मीडिया ब्रीफिंग करने आए ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने माना बिजली की अप्रत्याशित मांग को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड को कोयले का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि देश में हर दिन 40,000 मेगावाट से 45,000 मेगावाट तक बिजली की मांग बढ़ रही है. पिछले साल की इसी तारीख की तुलना में ऊर्जा की खपत आज 3500 मिलियन यूनिट से बढ़कर 4500 मिलियन यूनिट हो गई है.
बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर, कोयला संकट को लेकर बोले ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री ने माना कि देश के बड़े थर्मल पावर स्टेशंस के पास कोयले का रिज़र्व स्टॉक कम हो गया है, क्योंकि उनपर पावर प्रोडक्शन का दबाव है. उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य सरकारों ने कोयले की कमी को पूरी करने के लिए कोयले का आयात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
आरके सिंह ने कहा, "कोल इंडिया ने उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन उतना नहीं जितना की आवश्यकता है. इसलिए, आरक्षित कोयले का स्टॉक कम होना शुरू हो गया. 1 अप्रैल 2022 को आरक्षित कोयले का स्टॉक 24 मिलियन टन था. यह घटकर 18.5 मिलियन हो गया. हालांकि 31 मई को ये फिर से बढ़कर लगभग 20 मिलियन टन हो गया.
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गौरतलब है कि देश में गर्मी तेजी से बढ़ रही है. दिल्ली में पिछले 11 साल में सबसे ज्यादा हीटवेव आम लोगों को झेलना पड़ रहा है. इस दौरान बिजली की तेजी से बढ़ती मांग की वजह से उसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है. साथ ही थर्मल पावर स्टेशंस के पास जरूरत के मुताबिक कोयले का स्टॉक पहुंचाने का दबाव भी है.
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताज़ा डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट के मुताबिक 6 जून को देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशंस में से 17 के पास 5% या उससे भी कम कोयला बचा था, यानी देश में कोयला से चलने वाले करीब 10% ऐसे बड़े थर्मल पावर स्टेशंस थे, जिनके पास 5% या उससे भी कम का कोयले का स्टॉक बचा था.
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