मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में कैमरे में कैद हुई लुप्तप्राय ‘‘फिशिंग कैट’’, जानिए क्या है इसकी खासियत?

फिशिंग कैट की विशेषता यह है कि मछली को अपना भोजन बनाती है. आम तौर पर फिशिंग कैट की प्रजाति विलुप्त हो रही है. भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है.

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बाघ अभयारण्य में लगे कैमरे में मछली खाने वाली बिल्ली को कैद किया गया है.
भोपाल:

भारत में लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक मछली खाने वाली दुर्लभ ‘‘ फिशिंग कैट'' मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार कैमरे में कैद हुई है. बुधवार को राज्य सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि बाघ अभयारण्य में लगे कैमरे में मछली खाने वाली बिल्ली को कैद किया गया है. पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से तकरीबन 55 किलोमीटर तक प्रवाहित होने वाली केन नदी के आस-पास फिशिंग कैट की उपस्थिति के संकेत पहले भी मिले थे, पर फोटो के रूप में पहला प्रमाण अभी मिला है.

फिशिंग कैट की विशेषता यह है कि मछली को अपना भोजन बनाती है. आम तौर पर फिशिंग कैट की प्रजाति विलुप्त हो रही है. भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है.

विज्ञप्ति में कहा गया कि जीव वैज्ञानिक जो फिशिंग कैट पर अनुसंधान और अध्ययन में रूचि रखते हैं वे यहां आकर अध्ययन कर सकते हैं. पर्यटकों के लिए विभिन्न वन्य जीवों के साथ “फिशिंग कैट” आकर्षण का केंद्र बन रही है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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