वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाकर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है: राहुल

राहुल गांधी ने कहा, 'बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई के बीच युवा और गरीब पढ़ाई, कमाई और दवाई के बोझ तले दबा चला जा रहा है, और सरकार इसे 'अमृतकाल' बता कर उत्सव मना रही है. सत्ता के अहंकार में चूर शहंशाह ज़मीनी हकीकत से बहुत दूर हो गया है.'

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को दावा किया कि मौजूदा समय में वास्तविक मुद्दों से नज़रें फेर कर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है, जो देश की जनता के साथ छल है. राहुल गांधी ने 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के अवसर पर सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'देश के युवाओं! आज 'राष्ट्रीय युवा दिवस' पर हमें स्वामी विवेकानंद के विचारों को फिर से याद करने की ज़रूरत है. उन्होंने युवाओं की ऊर्जा को ही एक समृद्ध देश का आधार कहा और पीड़ित एवं निर्धन की सेवा को ही सबसे बड़ी तपस्या बताया था.'

उन्होंने कहा, 'युवाओं को विचार करना ही होगा कि आखिर क्या होगी हमारे सपनों के भारत की पहचान? जीवन की गुणवत्ता या सिर्फ भावुकता? उत्तेजक नारे लगाता युवा या रोज़गार प्राप्त युवा? मोहब्बत या नफ़रत?'

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि आज वास्तविक मुद्दों से नज़रें फेर कर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है, जो देश की जनता के साथ छल है.

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राहुल गांधी ने कहा, 'बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई के बीच युवा और गरीब पढ़ाई, कमाई और दवाई के बोझ तले दबा चला जा रहा है, और सरकार इसे 'अमृतकाल' बता कर उत्सव मना रही है. सत्ता के अहंकार में चूर शहंशाह ज़मीनी हकीकत से बहुत दूर हो गया है.'

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उन्होंने कहा, 'इसीलिए अन्याय की इस आंधी में न्याय की लौ जलाए रखने के लिए मेरे साथ करोड़ों युवा 'न्याय योद्धा' स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा से प्रेरणा ले कर, न्याय का हक़ मिलने तक, इस संघर्ष में शामिल हो रहे हैं. सत्य जीतेगा, न्याय होगा!'

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