इन प्रख्यात भारतीय हस्तियों की भी हवाई दुर्घटना में गई थी जान...

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत का शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को आज शाम दिल्ली के धौला कुआं स्थित सेना अस्पताल ले जाया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
2011 में अरुणाचल के मुख्यमंत्री अपने हेलीकॉप्टर के लापता होने के पांच दिन बाद चीन सीमा के पास मृत पाए गए थे
नई दिल्ली:

तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले चार सितारा अधिकारी जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) की मृत्यु हमें देश की उन प्रतिष्ठित हस्तियों की याद दिलाती है, जिन्होंने हवाई दुर्घटनाओं में जान गवां दी. आखिरी ऐसी दुर्घटना की बात करें तो वर्ष 2011 में अरुणाचल के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू अपने हेलीकॉप्टर के लापता होने के पांच दिन बाद चीन सीमा के पास मृत पाए गए थे. वहीं आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी भी वर्ष 2009 में दो इंजन वाले बेल 430 हेलीकॉप्टर में सवार थे, जो राज्य के नल्लामाला हिल्स में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

CDS जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर दिल्‍ली पहुंचा, पीएम मोदी व राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि

2005 में एक हेलिकॉप्टर क्रैश में हरियाणा के दो मंत्रियों की दिल्ली से चंडीगढ़ जाते समय मौत हो गई थी. इस दुर्घटना में हरियाणा के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री और प्रख्यात उद्योगपति ओपी जिंदल सहित राज्य के तत्कालीन कृषि मंत्री सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई थी. लोकसभा अध्यक्ष और तेलुगु देशम के नेता जीएमसी बालयोगी की भी वर्ष 2002 में आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. अपने निजी चार्टर्ड सेसना विमान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया भी 2001 में एक दुर्घटना में मारे गए थे. इस दौरान वह उत्तर प्रदेश के कानपुर जा रहे थे.

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत की मौत संदेह पैदा करती है : संजय राउत

वर्ष 1994 में पंजाब के राज्यपाल सुरेंद्र नाथ परिवार के नौ सदस्यों के साथ हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम के कारण सरकार के सुपर-किंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए थे. वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी जो खुद एक पायलट थे, 1980 में प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए थे. हालांकि, भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई 1977 में टीयू-124 (वी-643) पुष्पक विमान के दुर्घटनाग्रस्त के बाद बच गए थे. जब विमान असम के ताकेला गांव में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो देसाई दिल्ली से जोरहाट जा रहे थे.

हेलीकॉप्टर हादसा : CDS जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि, शुक्रवार को दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार

Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: बिहार में 'वोट चोरी' के मुद्दे का जमीन पर कितना असर? | Election Cafe
Topics mentioned in this article