मुंबई में एनआईए की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी और एक्टिवीस्ट वरवर राव को मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति देने की अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. उच्चतम न्यायालय ने अगस्त में कहा था कि राव (82) को मामले को लेकर एनआईए की विशेष अदालत द्वारा निर्धारित की जाने वाली शर्तों के आधार पर इलाज कराने के लिए जमानत दी जाए.
राव के लिए निर्धारित की गई जमानत की शर्तों में यह शामिल था कि वह वृहत मुंबई क्षेत्र के अंदर ही रहेंगे और एनआईए अदालत की अनुमति के बगैर शहर से बाहर नहीं जाएंगे. राव को मामले में हैदराबाद स्थित उनके आवास से 28 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था.
शुक्रवार को, राव ने मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए तीन महीने हैदराबाद जाने देने की अदालत से अनुमति मांगी थी. उनकी अर्जी के मुताबिक, मोतियाबिंद के कारण उनकी दोनों आंखों की सर्जरी किये जाने की जरूरत है. अर्जी विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने खारिज कर दी.
इस बीच, एक अन्य आरोपी महेश राउत ने इलाज के लिए एक अर्जी दायर की है. अदालत ने जेल अधीक्षक को आवश्यक मेडिकल मदद मुहैया करने की जरूरत पड़ने पर आरोपी को सरकारी अस्पताल भेजने का निर्देश दिया.
अदालत को आरोपी सागर गोरखे के दुर्व्यवहार के बारे में नवी मुंबई स्थित तलोजा केंद्रीय कारागार से एक पत्र भी मिला है. यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबद्ध है.