चंडीगढ़ ब्‍लैकआउट : 36 घंटे से भी ज्‍यादा समय के बाद बहाल हुई बिजली सप्‍लाई

Chandigarh Blackout: बिजली विभाग के कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल के कारण चंडीगढ़ के कई हिस्सों को कई घंटों बिना बिजली के रहने को मजबूर होना पड़ा.

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बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कई घंटे बिजली के बगैर गुजारने पड़े
चंडीगढ़:

Chandigarh Blackout: केंद्र शासित क्षेत्र  चंडीगढ़ में करीब 36 घंटे के बाद बिजली आपूर्ति की बहाली के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. बिजली विभाग के कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल के कारण चंडीगढ़ के कई हिस्सों को कई घंटों बिना बिजली के रहने को मजबूर होना पड़ा.बिजली न होने से पानी की किल्लत का सामना भी करना पड़ा. सोमवार शाम से हजारों घरों में बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई. यही नहीं, बिजली न होने के कारण सरकारी अस्पतालों ने सर्जरियों को भी रोकना पड़ा था. चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार शाम आवश्यक सेवाएं अधिनियम (एस्मा) लागू कर छह महीने के लिए बिजली विभाग की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया

दरअसल, बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली वितरण का निजीकरण करने के फैसले को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को इस बात का डर सता रहा है कि निजीकरण के फैसले से उनकी सेवा शर्तों में बदलाव आएगा और बिजली दरों में बढ़ोतरी होगी. इस मामले को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली कर्मचारी संघ के साथ बैठक भी की थी.बिजली आपूर्ति ठप होने के बाद लोगों को भारी समस्‍या का सामना करना पड़ा. बिजली न होने के चलते ऑनलाइन कक्षाएं और कोचिंग संस्थान को बंद करना पड़ा था और स्‍टूडेंट कई घंटों तक पढ़ाई नीहीं कर पाए. चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था की थी, लेकिन शहर के कई इलाकों अंधेरे में डूबे रहे. 

बिजली आपूर्ति बाधित रहने से परेशानी का सामना कर रहे यहां के लोगों ने नगर प्रशासन पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया था . पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा था कि चंडीगढ़ में अव्यवस्था एवं अराजकता जैसी स्थिति है और सभी आवश्यक सेवाएं ठप हो गई हैं. कांग्रेस नेता ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'प्रिय अमित शाह जी, चंडीगढ़ में 36 घंटे से बिजली नहीं है. अव्यवस्था एवं अराजकता जैसी स्थिति है. चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां सभी आवश्यक सेवाएं ठप हैं.' उन्‍होंने ने केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन स्थिति का समाधान करने में विफल रहा है.

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