ओला-उबर जैसे कैब ऑपरेटर्स को रखने होंगे इलेक्ट्रिक वाहन, फूड डिलिवरी में भी इस्तेमाल होंगे

दिल्ली में अब राइड एग्रीगेटर्स (Ride Aggregators) और डिलीवरी सेवा (Delivery Services) प्रदाताओं को नए वाहनों के बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को शामिल करना होगा.

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दिल्ली सरकार एनसीआर क्षेत्र को भी यह पॉलिसी अपनाने को लेकर निर्देश एक रिप्रजेंटेशन देगी. 
नई दिल्ली:

दिल्ली में ओला उबर जैसी ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों और स्विगी-जोमैटी जैसे फूड डिलिवरी वाली कंपनियों को अपने वाहनों के बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी रखना होगा. दिल्ली सरकार इसके लिए नई नीति लागू करने जा रही है.दिल्ली में अब राइड एग्रीगेटर्स (Ride Aggregators) और डिलीवरी सेवा (Delivery Services) प्रदाताओं को नए वाहनों के बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को शामिल करना होगा. दिल्ली सरकार ने अधिसूचित की एग्रीगेटर पॉलिसी, जनता को पॉलिसी पर राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "यह पॉलिसी एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनने के लिए जरूरी प्रोत्साहन प्रदान करेगी. "एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अगले तीन महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने होंगे.

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एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों में से 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना होगा. दिल्ली सरकार एनसीआर क्षेत्र के अन्य राज्यों को भी यह पॉलिसी अपनाने को लेकर निर्देश देने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक रिप्रजेंटेशन देगी. 

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गौरतलब है, देश की ऑटोमोबाइल मार्केट में एक बड़ा बदलाव आ रहा है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री में तेजी आ रही है. इस वजह से बहुत सी ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने व्हीकल्स के इलेक्ट्रिक वेरिएंट लॉन्च करने के साथ ही इस सेगमेंट में नए मॉडल्स उतारने की भी योजना बना रही हैं.  



 

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