शीतकालीन सत्र के 11वां दिन लोकसभा और राज्यसभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गई. लोकसभा में ई-सिगरेट को लेकरआज जमकर हंगामा हुआ. हिमाचल से सांसद अनुराग ठाकुर ने सदन में आरोप लगाया कि कुछ सांसद नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'देशभर में ई-सिगरेट बैन है, क्या सदन में आपने अलाउ कर दी? टीएमसी के सांसद कई दिनों से बैठकर पी रहे हैं. सदन में ई-सिगरेट पी जाएगी? अभी जांच करवाएं.'
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा, 'हमें संसदीय परंपराओं और संसदीय नियमों का अनुपालन करना चाहिए. ऐसा कोई विषय मेरे पास आएगा तो कार्रवाई करेंगे.'
इस बयान के बाद सदन में माहौल गरम हो गया और विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. ई-सिगरेट पर देशभर में पहले से ही प्रतिबंध है, ऐसे में संसद में इस तरह के आरोपों ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है.
टीएमसी सांसद का बयान
राज्यसभा में क्या हुआ
राज्यसभा में आज वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम को जो सम्मान और स्थान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इसके लिए उस समय के शासक जिम्मेदार थे.
जेपी नड्डा के बयान पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि क्या वर्ष 1937 में जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे. इस पर जेपी नड्डा ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे.
पीएम मोदी का सांसदों को डिनर
संसद के इस शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे अपने आवास पर भाजपा सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन करेंगे. यह बैठक बिहार चुनाव में पार्टी की जीत के बाद पहली बड़ी राजनीतिक सभा मानी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इस डिनर में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति और संसद में चल रही बहसों पर चर्चा होगी.
भाजपा के लिए यह समय बेहद अहम है क्योंकि पार्टी अगले वर्ष पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम सहित कई राज्यों में चुनावी चुनौती का सामना करने जा रही है. हाल ही में संसद में वंदे मातरम और चुनावी सुधार जैसे मुद्दों पर हुई चर्चाओं ने इस बैठक को और भी प्रासंगिक बना दिया है.
शायद लोकतंत्र जीवित नहीं है- चुनाव सुधार पर बोले अजय माकन
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अजय माकन ने चुनाव सुधार पर बात की. माकन ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'हम कहते हैं भारत लोकतंत्र की जननी है, लेकिन आज जो तथ्य मैं पेश कर रहा हूं, वे बताते हैं कि शायद लोकतंत्र जीवित नहीं है.'
माकन ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तीन मूल तत्व हैं- लेवल-प्लेइंग फील्ड, पारदर्शिता और विश्वसनीयता. उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों पर आज खतरा है.
पारदर्शिता पर चिंता
माकन ने हरियाणा में मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में असंगति का मुद्दा उठाया और कहा कि चुनाव आयोग की घोषणाओं में अंतर था. उन्होंने यह भी कहा कि एक संशोधन के बाद मतदान केंद्रों की CCTV फुटेज तक पहुंचना असंभव हो गया.
उन्होंने कहा, आप कानून बदल सकते हैं, लेकिन जनता की आवाज़ को दबा नहीं सकते.'
राज्यसभा में चुनाव सुधावर पर चर्चा शुरू
राज्यसभा में जेपी नड्डा के संबोधन के साथ ही वंदे मातरम पर चर्चा पूरी हो गई. अब राज्यसभा में चुनाव सुधावर पर चर्चा शुरू हो गई है.
नड्डा के भाषण के दौरान राज्यसभा में हंगामा
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में आज वंदे मातरम् को लेकर तीखी बहस हुई. राज्यसभा में जे.पी. नड्डा ने कहा कि आज़ादी के समय इस गीत को वह सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था और इसके लिए उस दौर के नेता जिम्मेदार थे. उन्होंने आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू ने सांप्रदायिक दबाव में वंदे मातरम् के मूल स्वरूप को बदला, और कुछ स्त्रोतों को हटा दिया जिनमें भारत माता को मां दुर्गा के रूप में दर्शाया गया था.
नड्डा ने कहा, “खुदीराम बोस के अंतिम शब्द वंदे मातरम् थे. यह एकता का मंत्र है. लेकिन इसे वह स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था. उस समय के नेता जिम्मेदार थे.' उन्होंने 1937 में नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि गीत के कुछ शब्द कठिन हैं और यह आधुनिक राष्ट्रवाद के अनुरूप नहीं है.
उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की 1937 की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि अन्य स्त्रोत कम प्रसिद्ध हैं और उनमें धार्मिक विचारधारा के संकेत हैं जो अन्य धार्मिक समूहों की विचारधारा से मेल नहीं खाते. इसलिए तय हुआ कि केवल पहले दो स्त्रोत गाए जाएं.
इस पर विपक्ष ने तीखा विरोध किया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया कि 1937 में नेहरू प्रधानमंत्री नहीं थे. नड्डा ने जवाब दिया कि उस समय नेहरू कांग्रेस अध्यक्ष थे और निर्णय उन्हीं के नेतृत्व में हुआ.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कल कहा था कि इस बहस का उद्देश्य सिर्फ नेहरू को बदनाम करना है. नड्डा ने आज कहा, 'हमारा उद्देश्य इतिहास को सही करना है, बदनाम करना नहीं. जब आप गौरव लेना चाहते हैं तो जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए.'
विपक्षी सांसदों ने नड्डा पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और जोरदार हंगामा किया।
जब संकट आता है, तो नेता जिम्मेदार होता है- नड्डा का पूर्व पीएम नेहरू पर निशाना
जेपी नड्डा ने कहा, 'जब संकट आता है, तो नेता जिम्मेदार होता है, कांग्रेस के लिए वह नेता नेहरू थे.'
वंदे मातरम को वह सम्मान कभी नहीं मिला जिसके वह हकदार था: राज्यसभा में बोले जेपी नड्डा
संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि वंदे मातरम को वह सम्मान और स्थान कभी नहीं दिया गया जिसका वह हकदार था और इसके लिए तत्कालीन सत्ताधारी नेता जिम्मेदार थे.
वंदे मातरम के मंत्र ने आजादी की लड़ाई में ऊर्जा का काम किया- जेपी नड्डा
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा बोले रहे हैं. वंदे मातरम पर बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि हमें इस गीत से प्रेरणा मिलती है. इस वंदे मातरम के मंत्र ने आजादी की लड़ाई में ऊर्जा का काम किया है. जेपी नड्डा ने कहा- वंदे मातरम मां भारती की पूजा है, साधना है.
Parliament LIVE Updates: जेपी नड्डा के भाषण के बाद चुनाव सुधार पर राज्यसभा में चर्चा शुरू होगी
राज्यसभा में प्रश्न का खत्म होने के बाद भाजपा अध्यक्ष और सदन के नेता जेपी नड्डा वंदे मातरम पर भाषण देंगे.
जेपी नड्डा के भाषण के बाद चुनाव सुधार पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हो जाएगी.
Parliament LIVE Update: संसद की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए- सुखदेव भगत
Parliament Winter Session LIVE: अनुराग ठाकुर कोई गुरु नहीं- TMC सांसद डोला सेन
संसद में ई-सिगरेट विवाद पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, 'जिनका काम नजर रखना है वो देखेंगे. किसी भी अनुशासनहीनता के लिए संसद में प्रावधान है. अनुराग ठाकुर कोई गुरु नहीं हैं कि उनकी बात हम मान जाएं.'
गिरिराज सिंह ने किया अनुराग ठाकुर का समर्थन
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ई-सिगरेट के मुद्दे पर अनुराग ठाकुर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ऐसे सदस्य हैं जो गंभीरता से बोलते हैं और साक्ष्यों के साथ अपनी बात सदन में रखते हैं. गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर कोई सांसद सदन में बैठकर ई-सिगरेट पीता है तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता.
सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं TMC सांसद- अनुराग ठाकुर ने लगाया आरोप
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज लोकसभा में ई-सिगरेट को लेकर हंगामा हुआ. हिमाचल से सांसद अनुराग ठाकुर ने सदन में आरोप लगाया कि कुछ सांसद नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'देशभर में ई-सिगरेट बैन है, क्या सदन में आपने अलाउ कर दी? टीएमसी के सांसद कई दिनों से बैठकर पी रहे हैं. सदन में ई-सिगरेट पी जाएगी? अभी जांच करवाएं.'
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा, 'हमें संसदीय परंपराओं और संसदीय नियमों का अनुपालन करना चाहिए. ऐसा कोई विषय मेरे पास आएगा तो कार्रवाई करेंगे.'
लूथरा ब्रदर्स को भागना ही नहीं चाहिए था- अनिल देसाई
लूथरा बंधुओं को हिरासत में लिए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद अनिल देसाई ने कहा कि उन्हें देश से भागना ही नहीं चाहिए था. अब अगर उन्हें हिरासत में लिया गया है तो उन्हें जल्द से जल्द देश वापस लाया जाना चाहिए.
लूथरा ब्रदर्स को हिरासत में लिए जाने पर बोले संजय जायसवाल
बीजेपी के लोकसभा सांसद संजय जायसवाल ने संसद भवन परिसर में एनडीटीवी से कहा कि लूथरा भाइयों को हिरासत में लिया गया है. यह दर्शाता है कि मोदी सरकार के राज में कोई भी व्यक्ति अगर उसने भारत में अपराध किया है तो वह दुनिया के किसी भी हिस्से में छुप नहीं सकता. अब उसे जल्दी भारत लाने की कवायत शुरू की जाएगी.
संसद पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन परिसर पहुंच गए हैं. इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सांसद भवन पहुंचे हैं. वो भी थोड़ी देर में पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं.
दिल्ली की प्रदूषण स्थिति पर तत्काल बहस की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश
संसद में आज कन्याकुमारी से सांसद विजय कुमार उर्फ विजय वसंत ने दिल्ली की खतरनाक वायु प्रदूषण स्थिति पर तत्काल बहस की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि राजधानी ऐसी स्थिति में पहुंच गई है जहां सांस लेना भी असुरक्षित हो गया है, लेकिन सरकार केवल बयानबाज़ी और सतही कदमों तक सीमित है.
विजय वसंत ने कहा कि बीजिंग जैसे शहरों ने सख्त उत्सर्जन नियंत्रण और तेज़ी से सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण के जरिए अपनी हवा साफ की, लेकिन दिल्ली में अब तक कोई स्पष्ट, वैज्ञानिक योजना नहीं है. एनसीआर के पावर प्लांट्स में जरूरी प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम नहीं लगाए गए हैं, इलेक्ट्रिक वाहन ढांचा कमजोर है और कोई समयबद्ध रणनीति नहीं दिखती.
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब वैश्विक स्तर पर सफल मॉडल मौजूद हैं तो उन्हें क्यों नहीं अपनाया गया? एनसीआर के पावर प्लांट्स में उत्सर्जन नियंत्रण क्यों नहीं है? और सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण इतनी धीमी गति से क्यों हो रहा है? उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छ हवा एक बुनियादी अधिकार है और संसद राजधानी को जहरीली हवा में घुटने नहीं दे सकती.














