निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को केंद्रीय मंत्री एवं तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट (Thiruvananthapuram Lok Sabha seat) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल जानकारी को सत्यापित करने का मंगलवार को निर्देश दिया.
सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग ने सीबीडीटी को चंद्रशेखर द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल विवरण को सत्यापित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हलफनामे में किसी भी तरह की बेमेल और गलत जानकारी देने के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनयम 1951 की धारा 125 ए के तहत निपटा जाता है. कानून के मुताबिक, नामांकन पत्र या हलफनामे में कोई भी जानकारी छुपाने पर छह महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
विवाद की कैसे हुई शुरुआत?
चन्द्रशेखर के चुनावी हलफनामे पर विवाद तब खड़ा हो गया जब वित्त वर्ष 2021/22 के लिए उनकी आय सिर्फ 680 रुपये दिखाई गई. हालांकि, वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 23 के लिए, उन्होंने 17.5 लाख रुपये और 5.50 लाख रुपये की आय घोषित की है. चन्द्रशेखर ने 28 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति की भी घोषणा की थी. इनमें नकदी, बैंक जमा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सहकारी समितियों में हिस्सेदारी, साथ ही निवेश बॉण्ड, डिबेंचर और अन्य वित्तीय उपकरण शामिल हैं. उनके हलफनामे की जानकारी को गलत बताते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने जांच की मांग की थी. राजीव चन्द्रशेखर ने सभी आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि "मेरे सभी खुलासे कानून के अनुरूप हैं"
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