उद्धव गुट को बड़ा झटका, महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने शिंदे गुट को बताया 'असली शिवसेना'

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्पीकर के पास भी पार्टी ने कभी कोई संविधान की कॉपी सबमिट नहीं की. इसलिए असली पार्टी कौन ये तय करने के लिए चुनाव आयोग के पास मौजूद 1999 का संविधान ही योग्य माना जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विधानसभा में भी लगा झटका
  • एकनाथ शिंदे गुट ही असली शिवसेना: स्पीकर
  • उद्धव गुट के विधायकों की सदस्यता पर लटकी तरवार
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक और झटका लगा है. महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विधानसभा में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है.  विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव आयोग के सामने पेश किया गया पार्टी का संविधान ही मान्य होगा. हमने चुनाव आयोग से पार्टी के संविधान की कॉपी मांगी. उन्होंने हमें उनके पास मौजूद संविधान की कॉपी मुहैया करवाई. सिर्फ यही संविधान चुनाव आयोग के पास मौजूद है. चुनाव आयोग ने अपने फैसले में भी बताया कि 2018 में संशोधित किया गया संविधान उनके रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है.  इसलिए ठाकरे गुट की मांग कि 2018 के संशोधित संविधान को सही माना जायेगा ये स्वीकार नहीं किया जा सकता. 

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्पीकर के पास भी पार्टी ने कभी कोई संविधान की कॉपी सबमिट नहीं की. इसलिए असली पार्टी कौन ये तय करने के लिए चुनाव आयोग के पास मौजूद 1999 का संविधान ही योग्य माना जाएगा.

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि इलेक्शन कॉमिशन के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद 2018 की जानकारी को ही आधार माना जाएगा. 

राष्ट्रीय कार्यकारिणी का फैसला ही सर्वोच्च और सर्वमान्य

राहुल नार्वेकर ने कहा कि महेश जेठमलानी ने भी अपनी दलीलों में बताया कि शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का फैसला ही सर्वोच्च और सर्वमान्य होता है.  25 जून 2022 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. उसमें जो  प्रस्ताव पास किए गए उन पर फर्जीवाड़े से बदलाव करने का आरोप लगा था. मेरे सामने भी वो लाए गए थे. उन पर पूरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी यानी प्रतिनिधि सभा की बजाय सिर्फ सचिव विनायक राउट के ही दस्तखत थे. राहुल शेवले अरविंद के गवाह के रूप में दस्तखत हैं जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ही नहीं हैं. इसलिए ये दस्तावेज शक के घेरे में हैं. इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. 

Advertisement

शिंदे गुट को 37 विधायकों का समर्थन

स्पीकर ने कहा कि भरत गोगवाले सांविधानिक तौर पर अपॉइंट किए गए चीफ़ व्हिप थे. सदन में शिंदे गुट के पास 37 विधायकों का समर्थन था. बताते चलें कि अविभाजित शिवसेना के पास विधानसभा में 55 विधायक थे. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद इस बात की आशंका है कि उद्धव ठाकरे के विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है.

Advertisement

एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालना गलत था: विधानसभा स्पीकर

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का मानना है कि शिवसेना अध्यक्ष के पास निर्णय लेने की शक्ति नहीं बल्कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शक्ति है. उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को पार्टी से नहीं निकाल सकते थे. पार्टी के संविधान के मुताबिक पक्ष प्रमुख के पास सारे अधिकार नहीं हैं. उन्हें फैसले लेने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इजाजत लेनी होगी. उन्होंने कहा कि, बालासाहब की वसीयत को पार्टी की वसीयत नहीं माना जा सकता है. सिर्फ ठाकरे को पसंद नही, इसलिए शिंदे को हटा नहीं सकते थे. पार्टी के संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है.

Advertisement

ये भी पढ़ें - 

Featured Video Of The Day
Jagannath Puri Rath Yatra Stampede: पुरी में दर्शन करते-करते अचनाक कैसे हुआ बड़ा हादसा? | Puri
Topics mentioned in this article