इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में मिस्त्र के राष्ट्रपति होंगे चीफ गेस्ट, यहां पढ़ें डिटेल

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति अल-सीसी 24 जनवरी को नई दिल्ली आने वाले हैं. विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह उनका स्वागत करेंगे. अगले दिन 25 जनवरी को सीसी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे.

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अब्देल फतह अल-सीसी ने हाल ही में गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार किया है.
नई दिल्ली:

इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Parade 2023) में मिस्र के राष्ट्रपति (President of Egypt) अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. उन्‍होंनें हाल ही में गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार किया है. भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर शामिल मुख्‍य अतिथि का विशेष सम्मान के साथ सत्कार किया जाता है और उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने 'गार्ड ऑफ ऑनर' (Guard of Honour) दिया जाता है. अल-सीसी के साथ 180 डेलीगेट्स भी गणतंत्र दिवस समारोह में आ रहे हैं.

हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाना भारत की परंपरा रही है. लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से कोई भी मुख्‍य अतिथि इस मौके पर शामिल नहीं हो सके. 2021 में भारत ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया था, लेकिन कोरोना के हालातों को देखते हुए उन्‍हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा था. पिछले साल 2022 में भी किसी अन्य राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया.

24 जनवरी को दिल्ली आ रहे हैं सिसी
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति अल-सीसी 24 जनवरी को नई दिल्ली आने वाले हैं. विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह उनका स्वागत करेंगे. अगले दिन 25 जनवरी को सीसी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. इसके बाद वह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलेंगे. फिर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित भोज में शामिल होंगे. 26 जनवरी अल-सीसी गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे.

180 सदस्यीय मजबूत दल भी रहेगा साथ
सूत्रों ने यह भी बताया कि मिस्त्र के राष्ट्रपति अल-सीसी के साथ ही मिस्र से 180 सदस्यीय मजबूत दल परेड में भाग लेगा. इस मौके पर दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इसके अलावा भारत और मिस्र के बीच 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों को चिह्नित करने वाला एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा.

आर्थिक संबंधों पर होगी चर्चा
मिस्त्र के राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों विशेष रूप से गेहूं की सप्लाई को लेकर बड़ा ऐलान किए जाने की  संभावना है. पिछले साल भारत ने प्रतिबंधों के बावजूद एक अपवाद के रूप में मिस्र को तीन किस्तों में 61,000 टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी थी. मिस्र ने तब से भारतीय गेहूं पर प्रतिबंध हटा लिया है और आगे की आपूर्ति का अनुरोध किया है. हालांकि, परंपरागत रूप से यह यूक्रेन और रूस से गेहूं आयात करता है.

रक्षा संबंधों पर भी हो सकती है बात
इसके अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों पर भी चर्चा हो सकती है. मिस्र ने भारत से तेजस और आकाश जैसे उन्नत हल्के फाइटर प्लेन खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. ऐसे में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारी आगे की चर्चा के लिए मिस्र सरकार के संपर्क में हैं.

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