दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने साइबर हमले की घटना पर एक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि घटना की जांच और डिजिटल रोगी देखभाल सेवाओं को वापस लाने के प्रयास प्रगति पर हैं. ऐसे हमलों को रोकने के लिए कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है. हम आशा करते हैं कि प्रभावित गतिविधियों को जल्द ही बहाल करने में सक्षम होंगे. लैब सहित सभी रोगी देखभाल सेवाएं, मैन्युअल रूप से प्रबंधित की जाती हैं.
एम्स का सर्वर हैक होने के मामले में दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है. एम्स के असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. यहां इस्तेमाल होने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र का ई-हॉस्पिटल सर्वर बुधवर सुबह सात बजे से ही बंद है, जिसके चलते बहिरंग रोगी विभाग (ओपीडी) और नमूना संग्रह सेवाएं प्रभावित हुई हैं.
एम्स ने पहले एक बयान में कहा था कि एम्स में काम कर रहे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की एक टीम ने सूचित किया है कि यह एक रैंसमवेयर हमला हो सकता है. उचित कानून प्रवर्तन अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए एम्स और एनआईसी उचित सावधानी बरतेंगे.