मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, स्कूलों में झाड़ू लगाने और प्लेट साफ करने के लिए मजबूर हैं छात्र

मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.  कुछ सरकारी स्कूलों की तस्वीर सामने आयी है जिसमें बच्चे झाड़ू थामे और रोटी बनाते नजर आ रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
भोपाल:

मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.  कुछ सरकारी स्कूलों की तस्वीर सामने आयी है जिसमें बच्चे झाड़ू थामे और रोटी बनाते नजर आ रहे हैं. राज्य में हजारों ऐसे स्कूल हैं जो एक शिक्षक के बूते चल रहे हैं. राज्य में शिक्षा व्यवस्था के हालत को इस बात से ही समझा जा सकता है कि राज्य में माध्यमिक विद्यालयों में ड्रॉप-आउट दर 2020-2021 में 23.8 प्रतिशत थी. कोयलरी के सरकारी स्कूल में छात्र रोटियां बनाते दिखे हैं. कुछ अन्य को छात्रावास के कमरों में झाडू लगाने के लिए कहा गया था. चकदेवपुर गांव के माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 5 और 6 की स्कूली छात्राओं को अपने स्कूल परिसर में एक हैंडपंप से पानी लाने के बाद शौचालय की सफाई और फर्श की सफाई करते देखा गया.

आदिवासी कल्याण के एडिशनल कमिश्नर पीएन चतुर्वेदी ने कोयालारी के सरकारी स्कूल की बदहाली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "हम इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के पास भेजेंगे और इसकी जांच कराएंगे. चकदेवपुर माध्यमिक विद्यालय में छात्रों को हो रही कठिनाइयों के बारे में पूछे जाने पर, जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने कहा कि "हमने मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं. दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में 21,077 ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनमें एक शिक्षक है, वहीं राज्य में 87,630 शिक्षक पद खाली हैं.वहीं इस बीच खरगोन जिले में एक स्कूल की इमारत इतनी जर्जर हो गयी है कि स्कूल को  एक पेड़ के नीचे खुले में संचालित किया जा रहा है.  2018 से, स्कूल प्रशासन ने राज्य शिक्षा विभाग को भवन की मरम्मत के लिए बार-बार अनुरोध किया है लेकिन अभी तक मदद नहीं मिली है.

Advertisement

राज्य सरकार की अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चलता है कि 98,963 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में से 36,498 में बिजली नहीं है. वहीं 34,553 स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा नहीं है. जबकि मध्य प्रदेश सरकार राज्य में "विश्व स्तरीय" शिक्षा के बारे में लंबे-चौड़े दावे करती रहती है, आंकड़े बताते हैं कि खराब सुरक्षा और शौचालय की कमी के कारण 10,630 लड़कियों ने स्कूल छोड़ दिया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Caste Based Census: देश में जाति जनगणना पर सियासत से किसका मंगल? | PM Modi | Rahul Gandhi | Hum Log
Topics mentioned in this article