‘पीएम श्री स्कूल’ की होगी शुरुआत, भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर: धर्मेन्द्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘हम पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं जो भविष्य के छात्र तैयार करने के लिये पूरी तरह से सुविधा युक्त होगा. यह अत्याधुनिक स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रयोगशाला होगा.’’

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नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने गुरुवार को कहा कि नयी पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान और कौशल से वंचित नहीं रखा जा सकता है, ऐसे में सरकार ‘पीएम श्री स्कूल' (PM Shri School) स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जो भविष्य के छात्र तैयार करने के उद्देश्य से पूरी तरह आधुनिक सुविधा से लैस होगा. गुजरात के गांधीनगर में देशभर के शिक्षा मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात कही.

प्रधान ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब ‘राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021' ने पठन-पाठन के स्तर और सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने तथा शिक्षा की गुणवत्ता के मूल्यांकन को मजबूत बनाने में हमारे सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के गंभीर प्रयासों के प्रति विश्वास जगाया है.

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब हम 21वीं सदी के अवसरों और चुनौतियों के लिये तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में हमें शिक्षा एवं कौशल से जुड़ी व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम नयी पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान एवं कौशल से वंचित नहीं रख सकते हैं.'

प्रधान ने कहा, ‘‘हम पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं जो भविष्य के छात्र तैयार करने के लिये पूरी तरह से सुविधा युक्त होगा. यह अत्याधुनिक स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रयोगशाला होगा.'' उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिये महत्वपूर्ण होंगे जो वैश्विक कल्याण के लिये प्रतिबद्ध हो.

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विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की उपस्थिति में उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को मिलकर काम करना है, एक दूसरे के अनुभवों और सफलताओं से सीखना है तथा भारत को और ऊंचाइयों पर ले जाना है.''

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उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान शुरू किये गए सर्व शिक्षा अभियान से आगे बढ़ते हुए समग्र शिक्षा एवं अन्य सुधारों का शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों द्वारा साझा किये गए अनुभव एवं ज्ञान तथा व्यवस्थित एवं परिणामोन्मुखी चर्चा हमें ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' की तर्ज पर हमारे पठन-पाठन के परिदृश्य में बदलाव की दिशा में एक कदम आगे ले जायेगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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