BJD नेता राजा चक्रा की अवैध कमाई पर ईडी का शिकंजा, जांच के घेरे में खनन, शराब, ट्रांसपोर्ट और लोडिंग कारोबार

ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि गंधमर्दन लोडिंग एजेंसी एंड ट्रांसपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, क्योंझर को राजा चक्रा ने सिर्फ एक फ्रंट की तरह इस्तेमाल किया. हालांकि वे इस सोसाइटी के आधिकारिक पदाधिकारी नहीं थे, लेकिन सभी फैसले उन्हीं के इशारे पर लिए जाते थे.

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  • प्रवर्तन निदेशालय ने राजा चक्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 जुलाई को क्योंझर और भुवनेश्वर में छापेमारी की.
  • जांच में पता चला कि गंधमर्दन लोडिंग एजेंसी को राजा चक्रा ने एक फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया, जबकि वे इसके आधिकारिक पदाधिकारी नहीं थे.
  • अवैध खनन में इस्तेमाल 70 से अधिक गाड़ियां राजा चक्रा या उनके बेनामी लोगों के नाम पर थीं, जिन्‍हें ब्‍लैक मनी से खरीदा गया था.
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नई दिल्‍ली :

बीजू जनता दल के ताकतवर युवा नेता और विवादों में घिरे सौम्य शंकर चक्र उर्फ राजा चक्रा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा एक्शन लेते हुए 10 जुलाई को क्योंझर और भुवनेश्वर में छापेमारी की. यह छापेमारी राजा चक्रा के घर, ऑफिस और उनसे जुड़े कई कारोबारों पर की गई. इस कार्रवाई ने ओडिशा की सियासत में हलचल मचा दी है.

राजा चक्रा इस समय इसी केस में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं. भले ही मामला ओडिशा का है, लेकिन इसकी जांच ईडी के हेडक्वार्टर यूनिट द्वारा की जा रही है. इसमें कई रसूखदार लोगों की भूमिका सामने आने की आशंका है.

समाज के नाम पर करोड़ों का घोटाला

ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि गंधमर्दन लोडिंग एजेंसी एंड ट्रांसपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, क्योंझर को राजा चक्रा ने सिर्फ एक फ्रंट की तरह इस्तेमाल किया. हालांकि वे इस सोसाइटी के आधिकारिक पदाधिकारी नहीं थे, लेकिन सभी फैसले उन्हीं के इशारे पर लिए जाते थे.

फर्जी रिकॉर्ड, मनगढ़ंत वर्क ऑर्डर और नकली खर्चों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई. ईंधन, ट्रांसपोर्ट और ‘पेरिफेरी डेवलपमेंट' जैसे मदों में फर्जीवाड़ा करके बड़ी रकम हड़पी गई.

अवैध खनन में 70 से ज्यादा गाड़ियां इस्तेमाल

ईडी ने छापेमारी के दौरान 70 से ज्यादा गाड़ियों की पहचान की है जो अवैध खनन और ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल हो रही थीं. हैरानी की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर गाड़ियों के नंबर का आखिरी अंक ‘21' है. ये गाड़ियां राजा चक्रा या उनके बेनामी लोगों के नाम पर हैं और इन्हें काले धन से खरीदा गया था. यही गाड़ियां आगे चलकर अवैध कमाई का जरिया बनीं.

शराब के धंधे में भी काली कमाई का खेल

ईडी को राजा चक्रा की शराब की दुकान से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं. ये दुकान उनकी पत्नी रूपाली पटनायक के नाम पर लाइसेंसशुदा है, लेकिन जांच में पता चला कि शराब की बिक्री से जो पैसे आ रहे थे वो किसी और के अकाउंट में जा रहे थे. इससे साफ है कि इस धंधे में भी ब्लैक मनी का खेल चल रहा था.

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आरटीओ और ओएमसी दफ्तरों से भी जुटाए सबूत

ईडी की टीम ने छापेमारी के दौरान क्योंझर के RTO ऑफिस और OMC (ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन) के रीजनल दफ्तर का भी दौरा किया. वहां से राजा चक्रा की अवैध माइनिंग से जुड़े कागजात जुटाए गए.

आगे और बड़े नामों का खुलासा संभव

सूत्रों का कहना है कि ईडी की जांच में आने वाले दिनों में कुछ और रसूखदार लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, जो इस पूरे घोटाले में शामिल हैं या उन्हें फायदा पहुंचा रहे थे.

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राजा चक्रा का नाम पहले भी कई विवादों से जुड़ा रहा है, लेकिन इस बार ईडी की जांच और सबूतों की तह तक पहुंच से साफ है कि ये मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है. ओडिशा के इस बहुचर्चित केस पर देशभर की नजर टिकी है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

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