ईडी को ठगों के मामले में बड़ी सफलता मिली है. टीम ने एलएफएस ब्रोकिंग कंपनी मामले में बड़ी कार्यवाई करते हुए करीब 155 करोड़ रुपये की 212 संपत्तियां अटैच की है. साथ ही ठगी के मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
क्या है मामला
मामला एलएफएस ब्रोकिंग और उससे जुड़ी कंपनियों व व्यक्तियों का है. पश्चिम बंगाल पुलिस की एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की. ईडी ने इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मास्टरमाइंड रहमान भी शामिल है. मुख्य आरोपी सैयद जियाजुर रहमान और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी निवेश स्कीम चलाकर निवेशकों से 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की. ईडी की जांच में सामने आया है कि रहमान और उसके साथियों ने SEBI के सर्टिफिकेट्स से छेड़छाड़ कर फर्जी कंपनियां खड़ी कीं. निवेशकों से 2-3% मासिक गारंटीड रिटर्न का झांसा दिया.
फर्जी कंपनी बनाई
LFS Broking Pvt. Ltd. नाम की असली SEBI-रजिस्टर्ड कंपनी के नाम से मिलती-जुलती कंपनियां बनाई. लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वे सही कंपनी में निवेश कर रहे हैं, लेकिन पैसे फर्जी कंपनियों में डाले जाते थे.
ईडी ने दायर की चार्जशीट
कुर्क की गई संपत्तियों में जमीन के टुकड़े, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट्स शामिल हैं, जो पश्चिम बंगाल के कई जिलों और अन्य राज्यों में फैले हुए हैं. ईडी ने 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. ईडी की जांच अभी जारी है और एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले से जुड़े और नाम भी जल्द सामने आ सकते हैं.