- कर्नाटक के बेंगलुरु ज़ोनल ऑफिस की ईडी टीम ने 31 स्थानों पर व्यापक छापेमारी की, जिसमें कई शहर शामिल थे.
- चित्रदुर्गा के विधायक केसी वीरेन्द्र और उनके नेटवर्क पर ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी संचालित करने के आरोप.
- छापेमारी में कई करोड़ रुपये कैश, सोना, चांदी, लग्ज़री वाहन, बैंक खाते और लॉकर फ्रीज़ किए गए हैं.
कर्नाटक के बेंगलुरु ज़ोनल ऑफिस की प्रवर्तन निदेशालय टीम ने 22 और 23 अगस्त 2025 को देशभर में कई जग छापेमारी की. 31 जगहों पर छापेमारी हुई, जिनमें गंगटोक, चित्रदुर्गा, बेंगलुरु, हुबली, जोधपुर, मुंबई और गोवा शामिल हैं. गोवा के पांच बड़े कैसीनो, पप्पी'ज़ कैसीनो गोल्ड, ओशन रिवर्स कैसीनो, पप्पी'ज़ कैसीनो प्राइड, ओशन 7 कैसीनो और बिग डैडी कैसीनो में भी रेड की गई. यह कार्रवाई चित्रदुर्गा जिले के विधायक केसी वीरेन्द्र और उनके नेटवर्क पर हुई है. आरोप है कि वीरेन्द्र कई ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट्स (जैसे King567, Raja567) चला रहे थे.
छापेमारी में ईडी को क्या-क्या मिला?
- 12 करोड़ रुपए कैश (जिसमें 1 करोड़ विदेशी करेंसी)
- करीब 6 करोड़ का सोना
- लगभग 10 किलो चांदी
- चार लग्ज़री गाड़ियां
- 17 बैंक खाते और 2 लॉकर फ्रीज़
- प्रॉपर्टी से जुड़े कई दस्तावेज और अन्य सबूत
ईडी की जांच में सामने आया कि वीरेन्द्र के भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से तीन कंपनियां चला रहे हैं. डायमंड सॉफ्टेक, टीआरएस टेक्नोलॉजी और प्राइम 9 टेक्नोलॉजिस, जिनके ज़रिए ऑनलाइन गेमिंग और कॉल सेंटर का काम होता था. वीरेन्द्र का बेटा और भाई मिलकर पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रहे थे. जांच में ये भी पता चला कि वीरेन्द्र और उनके सहयोगी हाल ही में गंगटोक बिज़नेस टूर पर गए थे, जहां वे एक जमीन पर कैसीनो लीज़ पर लेने की डील कर रहे थे.
ईडी को छापेमारी के दौरान कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की परतें छिपाने के खेल की तरफ इशारा करते हैं. इसी आधार पर केसी वीरेन्द्र को 23 अगस्त को गंगटोक से गिरफ्तार किया गया और उन्हें कोर्ट में पेश कर ट्रांज़िट रिमांड पर बेंगलुरु भेजा गया. फिलहाल ईडी की जांच जारी है. इस मामले में और भी बड़े खुलासों की उम्मीद की जा रही है.
ये भी पढ़ें:- बिहार में भ्रष्ट इंजीनियर पर EOU का एक्शन, पत्नी ने 20 लाख जलाए, जले नोटों से नाले हुए जाम