पंजाब और हरियाणा में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 'डंकी रूट' मामले में 11 जगह छापेमारी

कुछ एजेंट डंकी रूट से लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका और दूसरे देशों में भेजने का काम करते हैं. ये लोग 45-50 लाख में विदेश भेजने का झांसा देते हैं. इसके बाद जंगलों के रास्ते लोगों भेजा जाता है.

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प्रवासियों के बयानों से कई एजेंट और दलालों के नाम उजागर हुए
नई दिल्‍ली:

'डंकी रूट' मामले में पंजाब और हरियाणा के 11 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई है. ये छापेमारी अमृतसर, संगरूर, पटियाला, अंबाला, करनाल में हुई है. ये अमेरिका से डिपोर्टेड अवैध प्रवासियों से जुड़ा मामला है. कुछ एजेंट डंकी रूट से लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका और दूसरे देशों में भेजने का काम करते हैं. ये लोग 45-50 लाख में विदेश भेजने का झांसा देते हैं. इसके बाद जंगलों के रास्ते लोगों भेजा जाता है. ऐसे मामलों पर 17 एफआइआर दर्ज की गई हैं. इन एफआइआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू हुई है. प्रवासियों के बयानों से कई एजेंट और दलालों के नाम उजागर हुए हैं. ईडी की टीम अब तक कई संदिग्धों की पहचान कर चुकी है.

सूत्रों ने बताया कि दो राज्यों में कम से कम 11 शहरों- पंजाब में अमृतसर, संगरूर, पटियाला और मोगा तथा हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में संदिग्धों और एजेंटों के कार्यालयों व आवासों की धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि धन शोधन का यह मामला पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा उन यात्रा/वीजा एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकियों से उपजा है, जिन्होंने अवैध रूप से अमेरिका जाने के इच्छुक विभिन्न लोगों के साथ धोखाधड़ी की.

इस साल फरवरी में इन दोनों राज्यों और कुछ अन्य राज्यों से कई भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमानों से भारत प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में ईडी ने कुछ निर्वासित लोगों के बयान दर्ज किए थे. सूत्रों ने बताया कि इन बयानों और इससे संबंधित जांच से कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं और उनकी तलाश की जा रही है.

एजेंट विदेश जाने के इच्छुक निर्दोष लोगों को ‘‘निशाना'' बनाते थे और उन्हें कानूनी माध्यमों और उड़ानों के जरिए अमेरिका भेजने का झूठा वादा करके हर व्यक्ति से 45-50 लाख रुपये वसूलते थे. सूत्रों ने बताया कि हालांकि, एजेंट इन लोगों को ठगते थे क्योंकि उन्हें तस्करों और माफियाओं के जरिए खतरनाक/जंगल मार्गों से अवैध रूप से कई देशों की सीमाओं को पार करके ‘डंकी रूट' (अवैध मार्गों) से अमेरिका भेजा जाता था. उन्होंने बताया कि ये एजेंट तस्कर और माफिया के साथ मिलकर अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों और उनके परिवारों के लिए ऐसी ‘‘खतरनाक'' स्थिति पैदा करते थे कि उन्हें अधिक से अधिक पैसा देने के लिए मजबूर होना पड़ता था.

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