घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी मामले में रामप्रस्‍थ ग्रुप पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 681 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच

ईडी के मुताबिक अटैच की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में फैली करीब 226 एकड़ की दो कॉलोनियां और गांव बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वाजीरपुर में मौजूद करीब 1700 एकड़ जमीन शामिल है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
ईडी जांच में सामने आया कि 17 साल बीतने के बााद भी कई लोगों को ना घर मिला और ना प्लॉट. (फाइल फोटो)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स और उसकी ग्रुप कंपनियों की करीब 681.54 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है.
  • कंपनी पर आरोप है कि उसने गुरुग्राम में चल रहे प्रोजेक्ट्स में हजारों घर खरीदारों से पैसे लेकर फ्लैट और प्लॉट नहीं दिए.
  • अटैच की गई संपत्तियां गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92, 95 की कॉलोनियां और बसई, गदौली कलां, हयातपुर, वजीरपुर इलाके में है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्‍ली :

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की गुरुग्राम जोनल टीम ने रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्रा. लि. (Ramprastha Promoters and Developers Pvt. Ltd.) और उसकी ग्रुप कंपनियों की करीब 681.54 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अस्थायी रूप से अटैच कर दी है. यह कार्रवाई PMLA के तहत की गई है. आरोप है कि कंपनी ने गुरुग्राम में चल रहे कई प्रोजेक्ट्स में हजारों घर खरीदारों से ठगी की. 

ईडी के मुताबिक अटैच की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में फैली करीब 226 एकड़ की दो कॉलोनियां और गांव बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वाजीरपुर में मौजूद करीब 1700 एकड़ जमीन शामिल है.

ईडी ने यह जांच दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की. शिकायतें थीं कि RPDPL और इसके प्रमोटर अरविंद वालिया, बलवंत चौधरी सिंह, और संदीप यादव ने लोगों से पैसे तो ले लिए, लेकिन सालों बाद भी न तो फ्लैट दिए और न ही प्लॉट्स.

17 साल बीते, लेकिन लोगों को नहीं मिले घर

ईडी की जांच में सामने आया कि कंपनी ने 2008 से 2011 के बीच प्रोजेक्ट एज, स्काइज, राइज और रामप्रस्थ सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए थे, लेकिन अब तक यानि 14 से 17 साल बीत जाने के बाद भी कई लोगों को न तो घर मिला और न प्लॉट.

ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर की राशि

RPDPL ने करीब 2000 से ज्यादा घर खरीदारों से 1100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूली, लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की बजाय अपनी दूसरी ग्रुप कंपनियों को "अग्रिम भुगतान" के नाम पर ट्रांसफर कर दिया, जिससे मकान और प्लॉट समय पर तैयार ही नहीं हो पाए.

ईडी की इस कार्रवाई से ठगे गए हजारों घर खरीदारों को अब थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है. जांच फिलहाल जारी है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Anupam Kher Exclusive: Director के Role में लौटे अनुपम खेर, 'Tanvi The Great' पर क्या कुछ कहा?