पश्चिम बंगाल के मंत्री और TMC नेताओं के आवास पर ED का छापा, भाजपा सांसद बोले - यह 'खेला होबे' की शुरुआत

भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि यह ‘खेला होबे’ की शुरुआत है. उन्होंने कहा, 'हम (टीएमसी का) 'खेला होबे' के नारे के बारे में सुन रहे हैं. असली 'खेला होबे' अब शुरू हुआ है.

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नगर निकाय भर्ती में कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गई है.
कोलकाता:

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने नगर निकायों में भर्ती में कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस (Sujit Bose), तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के विधायक तापस रॉय और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुबोध चक्रवर्ती के आवासों पर छापे मारे. एक सप्ताह पहले उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में टीएमसी के एक नेता के आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद शुक्रवार की ईडी की यह पहली छापेमारी है. छापेमारी शुक्रवार सुबह 7 बजे शुरू हुई और यह अभी भी जारी है.

एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को बोस के आवास में प्रवेश करने का प्रयास करते समय शुरू में प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और लगभग 40 मिनट के बाद वे अंदर प्रवेश कर पाए.

ईडी के एक अधिकारी ने कहा, ''हम छापेमारी वारंट के साथ कर रहे हैं लेकिन इसे दिखाने के बाद भी हमें शुरू में प्रवेश नहीं करने दिया गया.''

इस बार केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवान हेलमेट जैसे अतिरिक्त सुरक्षा उपकरणों के साथ ही स्वचालित हथियार भी लिये हुए थे. बीते सप्ताह संदेशखाली में छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों पर हुए हमले को ध्यान में रखते हुए इस तरह की तैयारी की गई थी.

उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों के साथ शुक्रवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले के लेक टाउन इलाके में बोस के दो आवासों पर छापे मारे. अधिकारी के अनुसार, इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने तापस रॉय के ‘बीबी गांगुली स्ट्रीट' स्थित आवास और चक्रवर्ती के बिराती स्थित आवास पर भी छापे मारे जो उत्तर 24 परगना जिले में स्थित है.

इस दौरान स्थानीय थानों के पुलिसकर्मी संबंधित स्थानों पर पहुंचे और पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी.

राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में संदेशखाली में टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी के प्रयास के दौरान ईडी अधिकारियों पर हिंसक हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उक्त हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे.

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ईडी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम नगर निकायों में भर्तियों को लेकर टीएमसी के तीन नेताओं के आवासों पर छापेमारी कर रहे हैं. हम नेताओं से बात भी कर रहे हैं.''

'प्रतिशोध की राजनीति और हताशापूर्ण चाल'

टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में नगर निकाय भर्ती में हुई अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए कई पार्टी नेताओं के घरों पर समन्वित छापेमारी की निंदा की. पार्टी ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 'प्रतिशोध की राजनीति और हताशापूर्ण चाल' बताया.

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टीएमसी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा, 'यह विभिन्न ज्वलंत मुद्दों से जनता और मीडिया का ध्यान भटकाने का एक प्रयास है. ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा बढ़ते जन असंतोष को भांप लिया है और अपनी असफलता को छिपाने के लिए हर संभव तरीके का उपयोग कर रही है. यह प्रतिशोध की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है.'

परेशान करने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल : तृणमूल 

टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की उद्योग मंत्री शशि पांजा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के नेताओं को ‘‘परेशान'' करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'यह बिल्कुल स्पष्ट है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.'

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भाजपा ने तृणमूल के आरोपों को बताया निराधार 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के नेताओं ने टीएमसी के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'जब भी ईडी या सीबीआई टीएमसी नेताओं के यहां छापा मारती है तो वे इस तरह की बातें करते हैं और इसे राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाते हैं. वास्तविकता यह है कि टीएमसी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है और उनका लगभग हर नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है.'

यह खेला होबे की शुरुआत है : दिलीप घोष 

भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि यह ‘खेला होबे' की शुरुआत है. उन्होंने कहा, 'हम (टीएमसी का) 'खेला होबे' के नारे के बारे में सुन रहे हैं. असली 'खेला होबे' अब शुरू हुआ है. जो लोग इस खेल में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.' विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बोस से अपना 'सामान बांधकर' रखने के लिए कहा. भाजपा के वरिष्ठ नेता अधिकारी ने कहा, 'ईडी ने कुछ सूचनाओं के आधार पर उनके आवास पर छापा मारा है. अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें अपना सामान बांधकर रखना चाहिए.'

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कई मंत्रियों के आवास पर हो चुकी है छापेमारी 

केंद्रीय एजेंसियों ने हाल में नगर निकायों में भर्ती में कथित अनियमितता को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के आवास सहित विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे. टीएमसी के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी और नेता अनुब्रत मंडल को 2022 में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. राशन वितरण घोटाले में राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को पिछले साल 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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