रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के सहयोगी और रिलायंस पावर लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार पाल को 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, पाल 25 वर्षों से अधिक अनुभव वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और सात वर्षों से अधिक समय से रिलायंस पावर में मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला कथित वित्तीय अनियमितताओं और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर इन्फ्रा) सहित उनकी कई समूह कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण "डायवर्जन" से संबंधित है. पहला आरोप यस बैंक द्वारा 2017 और 2019 के बीच अनिल अंबानी की समूह कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के "अवैध" ऋण डायवर्जन से संबंधित है.
दूसरा आरोप इसी प्रकार की धोखाधड़ी से संबंधित है - लेकिन यह धोखाधड़ी बहुत बड़ी है - जो कथित तौर पर रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की है.
बीते दिनों में ईडी ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए बुलाया था. एजेंसी ने 12 से 13 बैंकों से डिटेल मांगी है कि जब रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को लोन दिया गया था तब किस तरह की ड्यू डिलिजेंस यानी जांच की गई थी.