नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने 752 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. ईडी द्वारा संलग्न संपत्तियों की सूची में दिल्ली में नेशनल हेराल्ड हाउस, लखनऊ में नेहरू भवन और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस शामिल है.
नेशनल हेराल्ड मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने यंग इंडियन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से जुड़ी कंपनी की 90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.
ईडी ने एक्स पर एक ट्वीट में कहा, "ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत जांच किए गए मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न करने का आदेश जारी किया है."
वहीं ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि, ईडी द्वारा एजेएल संपत्तियों की कुर्की की खबरें प्रदेशों में चल रहे चुनावों में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दर्शाती हैं.
कांग्रेस ने हमेशा से केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग या किसी मौद्रिक विनिमय का कोई सबूत नहीं है.
इस मामले में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा समाचार पत्र चलाने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वासघात के आरोप शामिल हैं.
इस सिलसिले में एजेंसी पहले ही सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं. दोनों में से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं.
एजेंसी ने मामले के सिलसिले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता पवन बंसल, डी.के. शिवकुमार (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री) और उनके सांसद भाई डी.के. सुरेश से पिछले साल पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए थे. सूत्रों के मुताबिक, मामले में ईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है।
एजेंसी ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची. ईडी ने कहा,‘‘एजेएल को समाचारपत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी.'' ईडी ने आरोप लगाया है कि एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन बंद कर दिया और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का उपयोग करना शुरू कर दिया.