ED ने 3,269 करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में शक्ति भोग फूड्स के CMD को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

3,269 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मेसर्स शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया है. कुमार की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा में 9 जगहों पर चली एजेंसी की छापेमारी के बीच हुई है.

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ED ने शक्ति भोग फू़ड्स के CMD को किया गिरफ्तार.
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 3,269 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में (money landering case) मेसर्स शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी कई करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में की गई है. इसके अलावा, ग़ाज़ियाबाद के कौशाम्बी के शिवालिक टॉवर बिल्डिंग में इंजीनियर रूप सिंह यादव के यहां सीबीआई की छापेमारी हुई है. रूप सिंह के ग्रेटर नोएडा के फ्लैट में भी छापेमारी चल रही है.

केवल कृष्ण कुमार की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा में 9 जगहों पर चली एजेंसी की छापेमारी के बीच हुई है. एजेंसी की ओर से एक बयान जारी कर कहा बताया गया है कि 'तलाशी के दौरान विभिन्न अपराध संकेती दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं.'

कुमार की गिरफ्तारी के बाद उन्हें रविवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए आरोपी का रिमांड में रहना जरूरी है. इस मामले में आगे की जांच चल रही है.

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क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने केवल कृष्ण कुमार और कुछ अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्डरिंग केस की जांच शुरू की है. आरोप है कि आरोपी ने अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम से संदिग्ध खरीद-फरोख्त के जरिए लोन अकाउंट से फंड की हेरा-फेरी की है.

सीबीआई ने इस साल के शुरू में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले 10 बैंकों के एक संघ के साथ 3,269 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. एसबीआई ने कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

एसबीआई के अनुसार निदेशकों ने लोगों के पैसे को हड़पने के लिए कथित तौर पर खातों में हेराफेरी की और जाली दस्तावेज तैयार किए. बैंक ने कहा था कि 24 साल पुरानी कंपनी की 2008 में कारोबार वृद्धि 1411 करोड़ रुपये थी जो 2014 में बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हो गई. कंपनी आटा, गेंहू, चावल, बिस्किट आदि बनाने व बेचने के व्यापार में है.
ईडी ने कहा कि उनपर आरोप है कि उन्होंने कुछ कंपनियों द्वारा संदिग्ध खरीद-फरोख्त के जरिए कर्ज खाते के पैसे को हेराफेरी करके बाहर भेज दिया.

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(भाषा से इनपुट के साथ)

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