यूट्यूबर एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ ED का बड़ा एक्‍शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लाखों की संपत्ति की कुर्क

ईडी का आरोप है कि एल्विश यादव (Elvish Yadav) और फाजिलपुरिया ने प्रशंसकों की संख्या बढ़ाने और धन कमाने के उद्देश्य से संगीत वीडियो और व्लॉग के निर्माण में सांपों की संरक्षित प्रजातियों, इगुआना जैसे विदेशी जानवरों का अवैध रूप से इस्तेमाल किया.

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एल्विश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने धनशोधन मामले (Money Laundering Cases) की जांच के तहत यूट्यूबर सिद्धार्थ यादव उर्फ ​​एल्विश यादव (Elvish Yadav), उसके दोस्त एवं गायक राहुल यादव उर्फ ​​फाजिलपुरिया और एक कंपनी की 52 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक कृषि भूमि और तीनों की कुछ बैंक जमा राशि कुर्क करने के लिए एक अस्थाई आदेश जारी किया गया है. संपत्ति का कुल मूल्य 52.49 लाख रुपये है.

ईडी ने आरोप लगाया कि एल्विश यादव और फाजिलपुरिया ने ‘‘प्रशंसकों की संख्या बढ़ाने और धन कमाने के उद्देश्य से संगीत वीडियो और व्लॉग के निर्माण में सांपों की संरक्षित प्रजातियों, इगुआना जैसे विदेशी जानवरों का अवैध रूप से इस्तेमाल किया.''

नोएडा पुलिस ने किया था एल्विश को गिरफ्तार 

ईडी ने कहा, ‘‘ये संगीत वीडियो स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए और फिर कमाई के लिए वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया गया.''

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ईडी ने नोएडा पुलिस की प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि इन संगीत वीडियो और व्लॉग्स में वन्यजीवों के प्रति ‘‘क्रूरता'' की गई.

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एल्विश और फाजिलपुरिया दोनों से संघीय एजेंसी ने उनके द्वारा आयोजित पार्टियों में मनोरंजन के रूप में सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल और संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित मामले में पूछताछ की है.

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नोएडा पुलिस ने 17 मार्च को एल्विश यादव को उनके द्वारा आयोजित पार्टियों में मादक पदार्थ के रूप में सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

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बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता हैं एल्विश यादव 

रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता रहे विवादास्पद यूट्यूबर पर नोएडा पुलिस ने स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

यादव उन छह लोगों में शामिल हैं जिनके नाम पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के एक प्रतिनिधि की शिकायत पर पिछले साल तीन नवंबर को नोएडा के सेक्टर-49 थाने में दर्ज प्राथमिकी में शामिल थे.

पांच अन्य आरोपियों, जो सभी सपेरे थे, को नवंबर में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी थी.

पिछले साल तीन नवंबर को नोएडा के एक बैंक्वेट हॉल से पांच सपेरों को गिरफ्तार किया गया था और उनके कब्जे से पांच कोबरा सहित नौ सांपों को बचाया गया था, जबकि सांप का 20 मिलीलीटर संदिग्ध जहर भी जब्त किया गया था.

पुलिस ने हालांकि कहा था कि यादव बैंक्वेट हॉल में मौजूद नहीं थे और वह उस मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रही है, जिसमें कथित तौर पर मादक पदार्थ के रूप में सांप के जहर का इस्तेमाल शामिल है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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