लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया. आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने का भी आदेश दिया. साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिवों को हटा दिया गया है. लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आयोग ने बृह्नमुंबई महानगर पालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को हटाने का भी आदेश दिया.
आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने (पद पर) तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं. महाराष्ट्र ने कुछ नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन नहीं किया था.
आयोग ने नाखुशी जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को सोमवार शाम छह बजे तक रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ ही बीएमसी के आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्तों एवं उपायुक्तों का स्थानांतरण करने का आदेश दिया.
मुख्य सचिव को महाराष्ट्र में समान रूप से पदस्थापित सभी नगर निगम आयुक्तों और अन्य निगमों के अतिरिक्त आयुक्तों या उपायुक्तों को स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है. यह आदेश मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्तों - ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के बीच सोमवार को यहां हुई बैठक के बाद आया है.
9 अप्रैल से शुरू होंगे लोकसभा चुनाव
चुनाव आयोग का यह कदम चुनावों में समान अवसर सुनिश्चित करने के तौर पर देखा जा रहा है. निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को चुनाव होंगे. वहीं नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.
लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं. साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी.
ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं. देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा. (भाषा इनपुट के साथ)
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