फरवरी के महीने में दिल्ली, असम, गाजियाबाद, बंगाल की खाड़ी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के इन झटकों ने हर किसी को डरा दिया. इन भूकंप का डर लोगों के जेहन से निकलने से पहले ही नेपाल और पाकिस्तान में भी भूकंप आ गया, जिससे लोग और सहम गए. भूकंप के झटके नेपाल के अलावा बिहार के कई जिलों में भी महसूस किए गए. जहां नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 रही. वहीं आज सुबह 05.14 बजे पाकिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 थी. नेपाल और पाकिस्तान में आए भूकंप ने भारत के लोगों को फिर से डरा दिया है. नेपाल के भूकंप की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंची वैसे ही लोगों को नेपाल के उस विनाशकारी भूकंप की याद आ गई, जिसने नेपाल में भारी तबाही मचाई थी.
पिछले कुछ दिनों में कहां-कहां आए भूकंप, देखे लिस्ट
भूकंप | कब | तीव्रता (Richter scale) |
नेपाल | 28 FEB | 5.5 |
पाकिस्तान | 28 FEB | 4.5 |
मोरीगांव असम | 27 FEB | 5.0 |
लेह, लद्दाख | 26 FEB | 3.5 |
म्यांमार | 26 FEB | 3.1 |
तिब्बत | 25 FEB | 4.2 |
तिब्बत | 25 FEB | 3.9 |
तिब्बत | 25 FEB | 3.7 |
वेस्ट खासी हिल्स मेघालय | 25 FEB | 3.0 |
बंगाल की खाड़ी | 25 FEB | 5.1 |
उखरुल, मणिपुर | 25 FEB | 3.2 |
जानकारी के अनुसार नेपाल में आए भूकंप का केंद्र बागमती था. हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक भूकंप के कारण जान-माल का किसी प्रकार का नुकसान होने की कोई खबर नहीं मिली है. भूकंप के कारण लोग अपने घरों से निकलकर खुले इलाकों की ओर भागे.
नेपाल के विनाशकारी भूकंप की यादें हुई ताजा
नेपाल दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है. नेपाल भूकंपीय क्षेत्र IV और V में आता है. इसलिए यहां के कई इलाकों में भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है. साल 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में यहां 9,000 से अधिक लोग मारे गए थे. इसमें दस लाख से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई थीं. इस इतिहास को देखते हुए, मध्यम तीव्रता के भूकंप भी आफ्टरशॉक्स और दीर्घकालिक क्षति की चिंता पैदा करते हैं.
बिहार की राजधानी पटना सहित कई जिले में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर किए हैं.
इससे पहले असम के म रीगांव में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि असम के मोरीगांव में भूकंप 2:25 बजे आया था. मोरीगांव में आए इस भूकंप की गहराई 16 किलोमीटर थी.
लद्दाख में बुधवार शाम करीब पांच बजकर 36 मिनट पर यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए. यहां आए भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी. जानकारी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 रही हैं. वहीं, भूकंप के झटकों से लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. भूकंप के झटकों से किसी भी तरह के जान-माल के हानि होने की कोई खबर नहीं है.
भारत ही नहीं बल्कि 26 फरवरी को म्यांमार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. म्यांमार में आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3.1 रही. जानकारी के मुताबिक ये भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था. फिलहाल म्यांमार से भी किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. एक राहत की बात ये है कि म्यांमार में आए भूकंप की तीव्रता काफी कम थी.
क्यों आते हैं भूकंप
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है. ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं. इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं. ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है.
भूकंप आने पर क्या करें?
- अपना संयम बनाए रखें
- हाई-राईज बिल्डिंग के पहले या दूसरे फ्लोर पर हों तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर आएं
बिल्डिंग के अंदर
- बंद दरवाजों के भीतर किसी कमरे में हों तो इमारत के बीच में कहीं दीवार के सहारे खड़े हो जाएं
- किसी टेबल या डेस्क के नीचे बैठ जाएं
- खिड़कियों और बाहर खुलने वाले दरवाजों से दूर रहें
- बड़े आइटम जैसे कैबिनेट्स, अलमारी और फ्रिज वगैरह से दूर रहें
बिल्डिंग से बाहर निकलते समय
- टूटी-फूटी चीजों को देखते हुए निकलें
- टूटे कांच या टूटी बिजली की तारों से बचकर रहें
विशेष सावधानियां
- अगर आपके ऊपर सीलिंग टूटकर गिरने लगे या आस-पास इमारत गिरने लगे तो अपने मुंह और नाक को किसी कपड़े, स्कार्फ या रूमाल से ढक लें
- अगर आप भूकंप के दौरान किसी सड़क पर हैं तो खुले स्थान पर आने की कोशिश करें और बिल्डिंग, पुल और बिजली के खंबों से दूर रहें
- अगर आप किसी चलती गाड़ी में हैं तो अपनी स्पीड कम कर लें और रोड के साइड में जहां गाड़ी खड़ी की जा सकती है वहां गाड़ी रोक लें