चक्रवात ‘बिपारजॉय' की वजह से गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा द्वारकाधीश मंदिर

द्वारका के उपमंडल मजिस्ट्रेट और द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट के प्रशासक पार्थ तलसानिया ने कहा कि गुरुवार को मंदिर भक्तों और दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला चक्रवात की चेतावनी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लिया गया है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
द्वारका:

शक्तिशाली चक्रवात 'बिपारजॉय' के गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह के पास संभावित रूप से बृहस्पतिवार को टकराने के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने देवभूमि द्वारका जिले में स्थित प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात के गुरुवार शाम को ‘‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान'' के रूप में आने की उम्मीद है, जिसमें हवा की अधिकतम गति 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

द्वारका के उपमंडल मजिस्ट्रेट और द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट के प्रशासक पार्थ तलसानिया ने कहा कि बृहस्पतिवार को मंदिर भक्तों और दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला चक्रवात की चेतावनी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लिया गया है.

हालांकि, भक्तों को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन दैनिक अनुष्ठान पुजारी द्वारा अंदर किए जाएंगे और लोग इसे मंदिर की वेबसाइट के साथ-साथ सोशल मीडिया हैंडल पर देख सकेंगे.

गिर सोमनाथ जिले में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर बृहस्पतिवार को खुला रहेगा, लेकिन इसका प्रबंधन कर रहे ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से मंदिर नहीं आने की अपील की है. अधिकारियों ने कहा कि जैसे ही शक्तिशाली चक्रवात 'बिपारजॉय' गुजरात तट की ओर बढ़ा, प्राधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों से 50,000 लोगों को निकाला और राहत और बचाव कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन कर्मियों को तैनात किया.

उन्होंने बताया कि देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर और राजकोट जिलों के नौ तालुकों में बुधवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटे में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई.
 

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