आज पटियाला कोर्ट टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को सजा सुनाने जा रहा है. कोर्ट ये फैसला साढ़े तीन बजे सुनाएगा. एएनआई ने कोर्ट से मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की है. वहीं बचाव पक्ष के वकील ने उम्र कैद की सिफारिश की है. खैर अब से थोड़ी देर में फैसला हो जाएगा कि यासीन मलिक को फांसी की सजा मिलेगी या फिर उम्र कैद? फिलहाल इस मामले पर कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.
कोर्ट में बहस के दौरान यासीन मलिक ने कहा, ''बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 30 मिनट के अंदर ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट आवंटित किया और मुझे भारत ने व्याख्यान देने की अनुमति दी, क्योंकि मैं अपराधी नहीं था. यहां तक कि न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से पहले मलिक के खिलाफ कोई मामला या मुकदमा नहीं चल रहा था. एनआईए ने धारा 121 के तहत अधिकतम सजा की मांग की है. अधिकतम सजा मौत तक फांसी दी जानी है.
इस धारा के तहत न्यूनतम सजा आजीवन है. मलिक ने यह भी कहा कि 1994 में हथियार छोड़ने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है और तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं. कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि 28 सालो में अगर मैं कही आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं इंडियन इंटेलिजेंस अगर ऐसा बता दे तो मैं राजनीति से भी सन्यास ले लूंगा, फांसी मंजूर कर लूंगा. 7 पीएम के साथ मैंने काम किया है.
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यासीन मलिक पर यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज हैं. जैसे कि धारा 16 आतंकवादी गतिविधि. धारा 17 आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना. धारा 18 आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना. धारा 20 आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना. भारतीय दंड संहिता. धारा 120-बी आपराधिक साजिश. धारा 124-ए देशद्रोह. साल 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला. आतंकी बुरहान की मुठभेड़ में मौत के बाद साल 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं. इसके बाद जांच एजेंसी एनआईए ने यासीन मलिक और अन्य अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.
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