देवी दु्र्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का समापन

पश्चिम बंगाल में ‘विजय दशमी’ के दिन बुधवार को राज्य भर में नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव का समापन हो गया.

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 पुलिस ने मूर्ति विसर्जन समारोह के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सड़कों और नदी घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है. 
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में ‘विजय दशमी' के दिन बुधवार को राज्य भर में नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव का समापन हो गया. महिलाओं ने पारंपरिक ‘सिंदूर खेला' में हिस्सा लिया और देवी की विदाई से पहले उन्हें प्रसाद में मिठाइयां चढ़ाईं और उनकी पूजा की. हर घर और सामुदायिक पूजा के आयोजकों को ढोल की थाप और मंत्रोच्चारण के बीच घाटों पर रंगारंग जुलूस का नेतृत्व करते देखा गया. मूर्ति के विसर्जन के बाद लोगों को एक दूसरे को मिठाइयां बांटते और बधाई देते देखा गया. राज्य में सबसे ज्यादा प्रतिमाओं के विसर्जन का गवाह बनने वाले बाबूघाट में सुबह 11 बजे से भक्तों की कतारें लग रही थीं और ‘आसछे बोछोर अबार होबे' (अगले साल तक) के नारे लगा रहे थे.

सूत्रों के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने मूर्ति विसर्जन समारोह के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सड़कों और नदी घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है. रेड रोड पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव में भाग लेने के बाद कोलकाता और आसपास के जिलों की दुर्गा पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार को होगा.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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