उत्तर प्रदेश के मंत्री और निषाद पार्दी के अध्यक्ष संजय निषाद शनिवार को देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना अंतर्गत बिठलपुर गांव में 25 वर्षीय दीपू निषाद की मौत पर शौक मनाने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे थे लेकिन उनके भाषण के बाद गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. मंत्री ने पीड़िता की मां रमावती देवी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है.
दीपू निषाद 14 जून से लापता था और उसका शव 15 जून को बरामद हुआ था. स्थिति उस समय बिगड़ गई जब मंत्री अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे थे और निषाद पार्टी के सदस्य माने जाने वाले भीड़ के हिस्से ने एफआईआर में नामजद ग्राम प्रधान और उसके भाइयों के फर्नीचर और मोटरसाइकिल को तोड़ दिया.
इसके बाद उप-विभागीय मजिस्ट्रेट रत्नेश तिवारी ने कैबिनेट मंत्री से शांति बनाए रखने में मदद की अपील की है. इस बीच, ग्राम प्रधान के घर पर हमले से गुस्साए सैकड़ों ग्रामीणों और ग्राम प्रधान के समर्थकों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरु कर दी और दोनों गुट आमने-सामने हो गए.
मंत्री को जल्दबाजी में गांव से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने देवरिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा को इसकी सूचना दी. मंत्री के गांव के जाने से बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया. संजय निषाद ने बाद में कहा कि वह पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए गांव पहुंचे थे. देवरिया एसपी ने फोन पर उन्हें आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था.
मंत्री ने कहा कि कुछ स्थानीय अधिकारी अन्य मामले में जमानत पर छूटे आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाया जाएगा. इस बीच, समाजवादी पार्टी की तथ्यान्वेषी समिति के रविवार को प्रस्तावित दौरे को देखते हुए गांव के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
रुद्रपुर के क्षेत्राधिकारी अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि रमावती देवी की शिकायत पर पुलिस ने ग्राम प्रधान चंद्रभान सिंह और उनके भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.