कोरोना के चलते 8 प्रमुख उद्योगों समेत कई अहम सेक्टरों में सुधार की रफ़्तार धीमी: रिपोर्ट

मई 2021 में भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर 16.8 प्रतिशत रिकॉर्ड की गयी जो मई, 2019 के प्री-कोविड स्तर से 8 प्रतिशत कम है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
बंदरगाह यातायात, हवाई यातायात, पीएमआई विनिर्माण और सेवाओं में सुधार की प्रक्रिया धीमी पड़ती जा रही है.
नई दिल्ली:

वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था पर अपनी ताज़ा Monthly Economic Review रिपोर्ट में आगाह किया है कि आठ प्रमुख उद्योगों समेत कई अहम सेक्टरों में सुधार की रफ़्तार धीमी पड़ती जा रही है. अपनी सरकार की छवि को सुधरने की जद्दोजहद में जुटे प्रधानमंत्री के सामने आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां बड़ी होती जा रही है. मंत्रिपरिषद के विस्तार और पुनर्गठन के सिर्फ दो दिन बाद जारी वित्त मंत्रालय की ये मासिक आर्थिक समीक्षा (जून 2021) रिपोर्ट मोदी सरकार के सामने चुनौतियों को रेखांतित करती है.

S&P ने भारत की अनुमानित विकास दर को 11% से घटाकर 9.5% किया

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी कोरोना लहर के बाद राजकोषीय राहत, मौद्रिक नीतियों और टीकाकरण अभियान में तेज़ी से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत जरूर हैं लेकिन मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट (जून 2021) के मुताबिक देश में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया असमान बनी हुई है. बंदरगाह यातायात, हवाई यातायात, पीएमआई विनिर्माण और सेवाओं में सुधार की प्रक्रिया धीमी पड़ती जा रही है. मई 2021 में भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर 16.8 प्रतिशत रिकॉर्ड की गयी जो मई, 2019 के प्री-कोविड स्तर से 8 प्रतिशत कम है. ग्लोबल डिमांड और जरूरी कमोडिटीज की कीमतों में सुधार को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है.

देश की लीडिंग रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट के मुताबिक इन आर्थिक चुनौतियों की वजह से जीडीपी की अनुमानित विकास दर पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा.

Advertisement

 इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट सुनील सिन्हा ने NDTV से कहा, "हमारा अनुमान है कि जीडीपी की विकास दर पहले अनुमानित 10.1% से गिर कर 9.6% रह सकती है अगर इस साल के अंत तक भारत सरकार अपने सभी 18+ नागरिकों का टीकाकरण कर पाता है. अगर टीकाकरण की प्रक्रिया मार्च 2022 तक पूरी होती है तो विकास दर और गिरकर 9.1% रहने का अंदेशा है". साथ ही, अप्रैल-मई में दूसरी कोरोना लहर के दौरान आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण राज्यों में लॉकडाऊन की वजह से सरकार की राजस्व कमाई भी घटी है. जून 2021 में GST कलेक्शन गिरकर ₹ 92,849 करोड़ रह गया.है.

देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर नाराज़गी बढ़ती जा रही है.  देश के 12 राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो चुकी है. इस बीच ग्लोबल रेटिंग एजेंसी FITCH ने दूसरी कोरोना लहर के दौरान लॉकडाऊन की वजह से आर्थिक सुधार की प्रक्रिया धीमी पड़ने का हवाला देते हुए 2021-22 के लिए भारतीय जीडीपी की विकास दर को पहले अनुमानित 12.8% से घटा कर 10% कर दिया है.  

Advertisement

वर्ल्ड बैंक का अनुमान, भारत की GDP वृद्धि दर 2021 में 8.3% रहेगी, RBI के लक्ष्य से काफी कम

अपनी सरकार की छवि सुधरने की जद्दोजहद में जुए प्रधान मंत्री मोदी के सामने आर्थिक मोर्चे पर चुनौती बड़ी हो रही है. ज़ाहिर है, दूसरी कोरोना लहर के असर से कमज़ोर पड़ी अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए उन्हें आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से निपटने, पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के साथ साथ टीकाकरण अभियान को तेज़ करने पर भी फोकस करना होगा.

Advertisement

S&P: भारत की अनुमानित विकास दर घटी

Featured Video Of The Day
PM Modi को मिला Kuwait का सर्वोच्च सम्मान, जानिए दोनों देशों के बीच क्या अहम समझौते हुए?