नशे में धुत दिल्ली पुलिसकर्मी ने कार से डिलिवरी ब्वॉय को कुचला, 6 माह पूर्व पिता की कोरोना से हुई थी मौत

दिल्ली के रोहिणी इलाके के बुद्ध विहार में शनिवार को बाबा साहब अंबेडकर हॉस्पिटल के सामने कथित तौर पर शराब के नशे में कार चला रहे एक दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल की कार से टकरा जाने से जोमैटो के एक डिलीवरी ब्वॉय की मौत हो गई.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
डिलीवरी ब्वॉय सलिल त्रिपाठी अपने घर में अकेला कमाने वाला शख्स था 
नई दिल्ली:

दिल्ली के रोहिणी (Rohini) इलाके में कथित तौर पर शराब के नशे में कार चला रहे दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल ने कार से बाइक सवार जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय (Delivery Boy) को टक्कर मार दी, जिसकी मौत हो गई.  इस युवक की पहचान सलिल त्रिपाठी  के रूप में हुई जो जोमैटो में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था.  आरोपी कॉन्स्टेबल (Constable) को गिरफ्तार कर लिया गया है.  बुद्ध विहार में शनिवार को बाबा साहब अंबेडकर हॉस्पिटल के सामने 8 जनवरी की रात एक मारुति ब्रेजा कार ने डीटीसी बस और बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. 

दिल्ली : नकली करेंसी के अंतरराष्ट्रीय सिंडीकेट का भंडाफोड़, बिहार का एक शख्स गिरफ्तार

ये ब्रेजा कार दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल महेंद्र चला रहा था. जिसकी तैनाती रोहिणी नॉर्थ थाना में थी.  महेंद्र पर आरोप है कि जिस वक्त ने उसने इस हादसे को अंजाम दिया उस वक्त वह बेहद नशे में था. मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने कॉन्स्टेबल महिंद्र की हादसे के वक्त एक वीडियो भी बनाई थी, जिसमे वो बेहद नशे में नजर आ रहा है. वहां मौजूद लोगों ने उसको पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है.

दिल्‍ली: दो सीरियल किलर गिरफ्तार, उबर ड्राइवरों की हत्‍या और लूटपाट का है आरोप

डिलीवरी ब्वॉय सलिल त्रिपाठी अपने घर में अकेला कमाने वाला शख्स था और कोरोना की दूसरी लहर में उसके पिता की भी मौत हो गई थी.

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इस वक्त नाइट कर्फ्यू लागू है. साथ ही वीकेंड कर्फ्यू भी लगाया गया है. जगह-जगह गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. ऐसे में भी लोग नशे में गाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस खुद ड्रिंक एंड ड्राइविंग के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाती रहती है. 

ऑनलाइन सेंधमारी का भंडाफोड़, पेपर सॉल्व करने वाले पकड़े गए

Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?