ग्रेटर नोएडा में एक और ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़, कपड़ों की आड़ में होती थी सप्लाई; 3 विदेशी गिरफ्तार

पुलिस और स्वाट टीम ने ग्रेटर नोएडा के कोतवाली बीटा-2 से तीन अफ्रीकी मूल के नागरिकों को गिरफ्तार किया. उनके पास से 120 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स भी बरामद की गई है. 20 से 30 करोड़ का रॉ मटेरियल भी बरामद किया है. यानी कुल मिलाकर 150 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
ग्रेटर नोएडा:

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 15 दिनों में दूसरी बार ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ पुलिस कमिश्नरेट की ओर से चलाए जा रहे अभियान में कोतवाली बीटा-2 पुलिस और स्वाट टीम को बुधवार को बड़ी सफलता मिली. टीम ने तीन अफ्रीकी मूल के नागरिकों को गिरफ्तार किया और 120 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स भी बरामद की गई है. साथ ही 20 से 30 करोड़ का रॉ मटेरियल भी बरामद किया है. यानी कुल मिलाकर 150 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई है.

कुछ दिन पहले ही सूरजपुर थाना क्षेत्र में छापेमारी करते हुए 300 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स बरामद की गई थी. इस दौरान अफ्रीकी मूल के 9 लोग भी गिरफ्तार किए गए थे. ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ पहले पकड़े गए विदेशी नागरिक की निशानदेही पर किया गया है.

पॉश इलाके में चल रही थी ड्रग्स फैक्ट्री
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए तीनों विदेशी नागरिक ग्रेटर नोएडा के पॉश सेक्टर ओमेगा स्थित जज सोसाइटी के मित्रा एनक्लेव के मकान B7 में ड्रग बनाने की फैक्ट्री चला रहे थे. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 16 मई को थाना बीटा-2 पुलिस और स्वाट टीम ने सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के थीटा 2 सेक्टर स्थित तीन मंजिला मकान में चल रही ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. वहां मौके से 300 करोड़ की 46 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई थी. साथ ही 9 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था.

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मौके से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पकड़े गए नाइजीरियाई मूल के ड्रग्स गिरोह के मुख्य आरोपी चिड़ी इजी अग्वा को रिमांड पर लिया गया था. पूछताछ से पता चला कि आरोपी के कुछ साथी शहर की मित्रा एन्क्लेव में भी फैक्ट्री चलाते हैं. पुलिस आरोपी को लेकर मित्रा सोसाइटी पहुंची. पुलिस ने तीन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर मौके से तैयार मेथाफेटामाइन (एमडीएमए) और कच्चा माल बरामद किया. 

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कपड़े के बंडल में छिपाकर करते थे सप्लाई
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ से दो शैल कंपनियों का पता चला है. जहां से ड्रग्स मैन्यूफैक्चरिंग के बाद यह सिंडिकेट कपड़ों के निर्यात की आड़ में बंडल के अंदर छिपाकर ड्रग्स का निर्यात दिल्ली एनसीआर, नॉर्थ ईस्ट राज्यों और मुंबई पोर्ट से कार्गो कंपनी के माध्यम से विदेशों में करते थे. इन आरोपियों के रॉ मटेरियल्स सप्लायर्स, इनके नेटवर्क के सदस्य ड्रग्स को कन्ज्यूमर्स तक पहुंचाते थे. इनके फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, विदेश में जुड़े सप्लाई के तार से सम्भावित लिंक और बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज की जांच की जा रही है.

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नेपाल और बांग्लादेश में भी होती थी सप्लाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह फैक्ट्री भी करीब एक साल से संचालित हो रही थी. शुरुआती जांच में पता चला कि यहां से ड्रग्स की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के अलावा नेपाल और बांग्लादेश समेत कई देशों में भी होती थी. पुलिस यह जानने की कोशिश में है कि वह लोग ड्रग्स तैयार करने के लिए कच्चा माल, केमिकल आदि कहां से और किस से खरीद कर लाते थे. इसके अलावा वह ड्रग्स तैयार करने के बाद उसे कहां-कहां खपाते थे. इसकी एवज में पैसा किस तरह से लिया जाता था.

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