भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी में ड्रोन की प्रभावी भूमिका, कई मवेशी जब्त; तस्करी और घुसपैठ में भी कमी

सीमा सुरक्षा बल के प्रहरी भारत-बांग्लादेश सीमा पर मुस्तैदी से तैनात हैं, ताकि देश विरोधी तत्वों के तस्करी और घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके.

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नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में शुक्रवार सुबह एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात प्रहरियों ने नाइट विजन वाले ड्रोन की मदद से पशु तस्करी के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया और 3 मवेशियों को जब्त किया. घटना उत्तर बंगाल फ्रंटियर के जलपाईगुड़ी सेक्टर अंतर्गत 6 बटालियन बीएसएफ के बीओपी भूतबाड़ी के सीमा की है.

तस्कर इन मवेशियों को बांग्लादेश में तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ड्रोन की प्रभावी भूमिका के कारण वे सफल नहीं हो सके. हाल ही में ड्रोन को शामिल किया गया है जो भारत-बांग्लादेश के आधुनिकीकरण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि का प्रतीक है. हालांकि, पशु तस्कर झाड़ी और कोहरे के मौसम तथा अंधेरे का फायदा उठाते हुए भागने में सफल रहे.

भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर बीएसएफ द्वारा ड्रोन के उपयोग के कारण सीमा पार अपराधों, विशेष रूप से पशु तस्करी व अवैध सीमा पार करने में भारी कमी आयी है. भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में ड्रोन के प्रभावी इस्तेमाल से तस्कर और दलाल दोनों डरे हुए हैं.

इससे पहले 29-30 सितंबर को 6 बटालियन बीएसएफ के बीओपी ओरान व अर्जुन के जवानों ने भी ड्रोन तकनीक की मदद से मवेशियों को जब्त किया था, जिसे तस्कर भारत से बांग्लादेश में तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे.

सीमा सुरक्षा बल के प्रहरी भारत-बांग्लादेश सीमा पर मुस्तैदी से तैनात हैं, ताकि देश विरोधी तत्वों के तस्करी और घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके.

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