राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से 48 करोड़ रुपये मूल्य की ई-सिगरेट जब्त की है. 16 सितंबर 2022 को की गई इस कार्रवाई में जब्त ई-सिगरेट की अनुमानित कीमत 48 करोड़ रुपये है. अधिकारियों को खुफिया जानकारी मिली थी कि मुंद्रा पोर्ट के जरिए छुपाकर ई-सिगरेट की तस्करी की जा रही है. इसके बाद कंटेनर की पहचान की गई और उसे ट्रैक किया गया. जांच में पता चला कि उसके सामान को फ्लोर क्लीन एमओपी के रूप में गलत तरीके से दिखाया गया है.
कंटेनर की जांच के दौरान एक-एक कर कंटेनर के अंदर के सभी डिब्बों को बाहर निकालकर खोला गया, तो यह पाया गया कि फ्लोर क्लीन मोप के कुछ डिब्बों के अलावा, हैंड मसाजर, एलसीडी राइटिंग पैड 8.5 इंच, सिलिकॉन पॉप अप टॉयज वाले कई बॉक्स थे, जिन्हें दर्शाया नहीं गया था. लगभग 60% कंटेनर को बाहर निकालने के बाद, कुछ कार्टन बॉक्स जिन्हें डी-स्टफ किया जा रहा था, सामान्य से अधिक भारी महसूस हुए. ऐसे 251 कार्टन थे. खोलने और गिनने पर यह पता चला कि 250 डिब्बों में एक साथ 2500 पफ वेरिएंट के 2 लाख ई-सिगरेट के टुकड़े थे, जबकि एक कार्टन में 5000 पफ वैरिएंट के ई-सिगरेट के 400 टुकड़े थे, जो चीन में बने यूटो ब्रांड के थे.
दूध कॉफी, मिंट आइस, एनर्जी ड्रिंक टी, कोक आइस इत्यादि जैसे विभिन्न स्वादों के ई-सिगरेट और कंटेनर में अन्य सभी सामान सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया है. जब्त किए गए ई-सिगरेट की बाजार कीमत करीब 48 करोड़ आंकी गई है. आगे की जांच जारी है.
हाल के दिनों में गुजरात में डीआरआई द्वारा यह दूसरी ऐसी जब्ती है. इससे पहले 4 सितंबर को डीआरआई ने सूरत के पास एक ट्रक को रोककर 20 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट की एक और खेप जब्त की थी. भारत की युवा आबादी में संभावित धूम्रपान खतरों की चिंताओं का हवाला देते हुए 2019 से ई-सिगरेट से संबंधित उत्पादन, निर्माण, आयात और निर्यात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.