मिजोरम में डीआरआई ने नशीले पदार्थ की तस्करी को किया नाकाम, 52.67 किलो मेथामफेटामिन जब्त

शुरूआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह मादक पदार्थ म्यांमार से जोखावठर सेक्टर के जरिए भारत में तस्करी कर लाया गया था. DRI की यह कार्रवाई नशीले पदार्थों के खिलाफ उसके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है.

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मिजोरम में नारकोटिक्स के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. राजस्व खुफिया निदेशालय यानी DRI ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत नशीली दवाओं की तस्करी को नाकाम करते हुए भारी मात्रा में मेथामफेटामिन की गोलियां बरामद की हैं.

11 अप्रैल 2025 की देर रात, मिजोरम की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके में DRI ने एक 12-पहिया ट्रक को रोका. तलाशी के दौरान, ट्रक की तिरपाल में छिपाए गए 53 ईंट जैसी पैकेट्स बरामद हुए, जिन पर "3030 Export Only", "999" और हीरे के निशान बने थे. इन पैकेट्स में संतरी-गुलाबी रंग की गोलियां थीं. एनडीपीएस फील्ड टेस्ट किट से जांच में पुष्टि हुई कि इनमें मेथामफेटामिन मौजूद हैं.

ट्रक नागालैंड में रजिस्टर्ड है और यह म्यांमार सीमा के पास स्थित जोखावठर से चला था, जिसका गंतव्य त्रिपुरा था. हालांकि, डीआरआई की सतर्कता से ट्रक को मिजोरम की सीमा से बाहर निकलने से पहले ही पकड़ लिया गया. जांच में पता चला कि ट्रक ने पहले मेघालय से चंपाई तक सीमेंट पहुंचाया था, और इसके बाद जोखावठर से नशीला माल लादा गया.

इस ऑपरेशन में 52.67 किलो मेथामफेटामिन की गोलियां बरामद की गईं, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 52.67 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ट्रक चालक और उसके सहयोगी को NDPS एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है.

शुरूआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह मादक पदार्थ म्यांमार से जोखावठर सेक्टर के जरिए भारत में तस्करी कर लाया गया था. DRI की यह कार्रवाई नशीले पदार्थों के खिलाफ उसके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है. साल 2025 की शुरुआत से अब तक DRI द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कुल 148.50 किलो मेथामफेटामिन जब्त की गई है, जो नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. DRI की इस मुस्तैदी ने एक और बड़े नशीले पदार्थ रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस तरह की कार्रवाइयां न केवल तस्करी पर लगाम लगाती हैं, बल्कि युवाओं को नशे के जाल से भी बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं.

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