योग्यता न होने के बावजूद NBEMS के कार्यकारी निदेशक बने रहे डॉ बिपिन बत्रा, CBI छापेमारी के बाद केस दर्ज

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ बिपिन बत्रा के खिलाफ मामला दर्ज, सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी की

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षा के लिए नियामक संस्था, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) के तत्कालीन (पूर्व) कार्यकारी निदेशक डॉ बिपिन बत्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एफआईआर दर्ज करने से पहले सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी की.

सीबीआई ने डॉ बिपिन बत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि डॉ बत्रा को 2003 में अवैध रूप से सहायक परीक्षा नियंत्रक के रूप में नियुक्त किया गया था जबकि वे इस पद के लिए अयोग्य थे लेकिन 2010 में वे कार्यकारी निदेशक के पद तक पहुंच गए.

साल 2017 में डॉ बत्रा को अनियमितताओं के आरोप में एनबीईएमएस के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था. एनबीईएमएस केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है. उन्हें हटाए जाने के बाद जांच के आदेश दिए गए और अगस्त 2018 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.

मामले में शिकायतकर्ता एनबीईएमएस है और पिछले महीने उसने औपचारिक रूप से जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी. शिकायत में कहा गया है, "वर्तमान शिकायत 2013-17 के दौरान एनबीईएमएस में व्याप्त खराब स्थिति और उस अवधि के दौरान एनबीईएमएस में चल रहीं गड़बड़ियों को सामने लाने के लिए है."

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है, सात साल की छोटी अवधि के दौरान डॉ बत्रा अवैध रूप से एनबीईएमएस के शीर्ष पद पर पहुंचने में कामयाब रहे और सभी पदों पर अयोग्य रहने के बावजूद संगठन के कामकाज को नियंत्रित कर रहे थे.

एफआईआर में शिकायत का आगे हवाला दिया गया है, "एनबीईएमएस के रिकॉर्ड का बड़ा हिस्सा गायब है और इसे गुपचुप तरीके से हटा दिया गया है." इसके चलते सीबीआई ने सबूतों को नष्ट करने की धाराएं जोड़ दी हैं. आगे यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ बत्रा एनबीईएमएस से आधिकारिक रिकॉर्ड को कथित तौर पर "सामूहिक रूप से" हटाने के दोषी हैं.

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जांच रिपोर्ट, जो कि सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है, में बताया गया है कि 15 आरोपों में से 10 आरोप पूरी तरह से साबित हो चुके हैं और तीन आरोप आंशिक रूप से साबित हुए हैं.
  
सीबीआई की एफआईआर में यह भी कहा गया है कि डॉ बत्रा 2003 में एनबीईएमएस में सहायक परीक्षा नियंत्रक की नौकरी पाने में कामयाब रहे हालांकि, उनके पास पीजी मेडिकल डिग्री की योग्यता नहीं थी और उनके पास केवल (मेडिकल रेडियो डायग्नोसिस) डिप्लोमा था.

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