मोदी के मंत्रीयों में डॉक्टर, इंजीनियर और वकील, उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने वाले 68 मंत्री ग्रेजूएट है. इस बार सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और राजस्थान से होंगे. पीएम मोदी के टीम में इस बार कई पुराने चेहरों को फिर से मौका मिला और नए चेहरों को अवसर मिला है.

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नई दिल्ली:

रविवार की शाम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रचा. पीएम के साथ 72  मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. पीएम मोदी (Prime Minister Modi) की टीम में इस बार कई पुराने चेहरों को फिर से मौका मिला है. तो चलिए जानते है की मोदी सरकार के मंत्री कितने पढ़े है. पिछली बार से इस बार का मंत्रिमंडल कैसे अलग दिखता है. वह कौन मंत्री है, जिन्हें नई जिम्मेदारियां मिली और कितने मंत्री फिर पुराने दफ्तर ही लौटेंगे. 

मोदी मंत्रिमंडल में डॉक्टर, इंजीनियर और वकील से सजे अनुभवी नेता

मोदी 3.0 की टीम में कुल 7 मंत्री ऐसे है, जिनकी पीएचडी पुरी हो चुकी है. 3 मंत्रियों ने MBA की शिक्षा ली है. पीएम मोदी की टीम में कुल 68 मंत्री ग्रेजुएट है. प्रशासन का पहले भी अनुभव हासिल किए हुए 7 नौकरशाह अब मंत्री बनकर देश की जनता की सेवा करेंगे. पीएम मोदी की टीम में 6 डॉक्टर और 5 इंजीनियर है. 3 वकील भी पीएम मोदी के मंत्रियों की लिस्ट में शामिल है. एक समय में नेताओं का कम पढ़ा लिखा होना चर्चा का विषय हुआ करता था और अब भारत का मंत्रिमंडल बढ़ती साक्षरता का प्रमाण दे रहा है.  

पुराने चेहरों पर भरोसा और नए चेहरों को अवसर 

राज नाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, सर्बानंद सोनोवाल, अश्विनी वैष्णव, हरदिप सिंह पुरी, भूपेन्द्र यादव और वीरेंद्र कुमार को पुरानी जिम्मेदारी ही दी गई है. सबसे अहम समझे जाने वाले गृह, वित्त, रक्षा, रेलवे और विदेश मंत्रालय में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला. पीएम मोदी ने अपने अनुभवी साथियों पर विश्वास जताया.

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2019 और 2024 के मंत्री और मंत्रालय के समीकरण में क्या-क्या बदला?  

मंत्रालय2019 मंत्री2024 मंत्री
रक्षा मंत्रीराजनाथ सिंहराजनाथ सिंह
गृह मंत्री; और सहयोग मंत्रीअमित शाहअमित शाह
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रीनितिन गडकरीनितिन गडकरी
वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रीनिर्मला सीतारमणनिर्मला सीतारमण
कृषि और किसान कल्याण मंत्रीनरेंद्र सिंह तोमरशिवराज सिंह चौहान
विदेश मंत्रीएस. जयशंकरएस. जयशंकर
जनजातीय कार्य मंत्रीअर्जुन मुंडाजुएल ओराम
महिला और बाल विकास मंत्रीस्मृति ईरानीअन्नपूर्णा देवी
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रीस्मृति ईरानीकिरेन रिजिजू
वाणिज्य और उद्योग मंत्रीपीयूष गोयलपीयूष गोयल
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रीपीयूष गोयलप्रल्हाद जोशी
वस्त्र मंत्रीपीयूष गोयलगिरिराज सिंह
शिक्षा मंत्रीधर्मेंद्र प्रधानधर्मेंद्र प्रधान
संसदीय मामलों के मंत्रीप्रल्हाद जोशीकिरेन रिजिजू
कोयला और खनन मंत्रीप्रल्हाद जोशीजी किशन रेड्डी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रीनारायण राणेजीतन राम मांझी
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रीसर्बानंद सोनोवालसर्बानंद सोनोवाल
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रीडॉ. वीरेंद्र कुमारडॉ. वीरेंद्र कुमार
ग्रामीण विकास मंत्रीगिरिराज सिंहशिवराज सिंह चौहान
पंचायती राज मंत्रीगिरिराज सिंहलालन सिंह
नागरिक उड्डयन मंत्रीज्योतिरादित्य एम. सिंधियाकिण्जारापु राममोहन नायडू
इस्पात मंत्रीज्योतिरादित्य एम. सिंधियाएच. डी. कुमारस्वामी
रेल मंत्री; इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रीअश्विनी वैष्णवअश्विनी वैष्णव
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रीपशुपति कुमार पारसचिराग पासवान
जल शक्ति मंत्रीगजेंद्र सिंह शेखावतसीआर पाटिल
बिजली मंत्रीआरके सिंहएमएल खट्टर
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रीहरदीप सिंह पुरीहरदीप सिंह पुरी
आवास और शहरी कार्य मंत्रीहरदीप सिंह पुरीएमएल खट्टर
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री; रसायन और उर्वरक मंत्रीमनसुख मंडावियाजेपी नड्डा
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रीभूपेंद्र यादवभूपेंद्र यादव
श्रम और रोजगार मंत्रीभूपेंद्र यादवमनसुख मंडाविया
भारी उद्योग मंत्रीडॉ. महेंद्र नाथ पांडेएच. डी. कुमारस्वामी
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रीपरशोत्तम रुपालालालन सिंह
संस्कृति मंत्री; पर्यटन मंत्रीजी. किशन रेड्डीगजेंद्र सिंह शेखावत
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रीजी. किशन रेड्डीज्योतिरादित्य सिंधिया
सूचना और प्रसारण मंत्रीअनुराग सिंह ठाकुरअश्विनी वैष्णव
युवा मामलों और खेल मंत्रीअनुराग सिंह ठाकुरमनसुख मंडाविया
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रीआरके सिंहप्रल्हाद जोशी
संचार मंत्रीअश्विनी वैष्णवज्योतिरादित्य सिंधिया

हालांकि, इस बार कुछ छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिले. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली जो पिछली बार नरेंद्र सिंह तोमर के पास थी. बिजली मंत्रालय और आवास एवं शहरी मंत्रालय हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मिला जो पहली बार पीएम मोदी के मंत्री बने. पिछली बार बिजली और शहरी मंत्रालय आर के सिंह और हरदीप सिंह पूरी के पास था. लल्लन सिंह, एच डी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी जैसे कई बड़े नाम इस बार मंत्री बनकर मोदी 3.0 की टिम में शामिल हुए और उन्हें अहम जिम्मेदारियां मिली. 

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उत्तर से दक्षिण के राज्यों से इतने मंत्री 
प्रधानमंत्री मोदी के साथ सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के मंत्री काम करेंगे. उत्तर प्रदेश को 10 मंत्रीपद मिले हैं, जो और किसी भी राज्य से ज्यादा है. उत्तर प्रदेश के बाद बिहार (8), महाराष्ट्र(6), राजस्थान(5) और मध्य प्रदेश(5) को अच्छी संख्या में मंत्री पद मिले है.

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किस राज्य से कितने मंत्री बने?

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान को देखते हुए इस बार इन राज्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है . गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इन राज्यों से आए मंत्रियों को भी मोदी सरकार में अहम भूमिका दी गई है.

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