उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के SGPGI अस्पताल में बीजेपी के पूर्व सांसद ने डॉक्टरों पर अपने बेटे का इलाज नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे उसकी मौत हो गई. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे को किडनी की बीमारी थी. भैरो प्रसाद मिश्रा का आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली नहीं होने की बात कह कर उनके बेटे को न तो भर्ती किया गया और न इलाज दिया गया. दुखी पिता संबंधित डॉक्टर को सस्पेंड करने और आगे की कार्रवाई की मांग लेकर बेटे के शव के साथ वार्ड में धरने पर बैठे रहे. अस्पताल प्रशासन ने मामला बढ़ता देख संबंधित डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है. मामले की जांच की बात कही गई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे 41 वर्षीय प्रकाश मिश्रा किडनी की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें रविवार रात करीब 11 बजे SGPGI के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था. बांदा से पूर्व सांसद मिश्रा का दावा है कि इमरजेंसी वार्ड में कोई बेड उपलब्ध नहीं था. इमरजेंसी डॉक्टर ने मदद के लिए कुछ नहीं किया. पूर्व सांसद ने दावा किया है कि इलाज नहीं मिल पाने के कारण कुछ ही समय बाद उनके बेटे की मौत हो गई.
भैरों प्रसाद मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने अपना बेटा खो दिया है, लेकिन मैं वहां बैठ गया, ताकि ये लोग लाइन में लग जाएं. मेरे बाद, लगभग 20-25 लोगों को इलाज मिला... जब मैं धरने पर बैठा था, तो हर कोई उसके बारे में शिकायत कर रहा था. उसे (संबंधित डॉक्टर) को सजा मिलनी चाहिए."
अस्पताल के अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई का वादा किया है. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
SGPGI के चीफ डॉ. आरके धीमान ने कहा, "डॉक्टर ने उन्हें ICU में ले जाने के लिए कहा था, लेकिन वहां कोई बेड खाली नहीं था. पता नहीं ऐसा क्यों कहा गया... हमने एक कमेटी बनाई है. लापरवाही बरतने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी... डॉक्टर को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है.''
इधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा, "यह अस्पताल की गलती नहीं है. बल्कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गलती है. अस्पताल को कोई बजट क्यों नहीं दिया जा रहा है?"
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मामले में सख्त कार्रवाई का वादा किया है. उन्होंने पूर्व सांसद से उनके घर पर जाकर मुलाकात की. मौर्य ने कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है और मामले की गहन जांच की जाएगी."