समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के बजट के फोटो सत्र में "अनुपस्थिति" पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या उनके पदों का कोई महत्व है या उन्हें जानबूझकर छोड़ दिया गया. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई सदन-विधायकों की तस्वीर अधूरी है. हमारी मांग है कि सरकार की तरफ़ से उनकी अनुपस्थिति का ये स्पष्टीकरण आए कि: क्या वो लोग आए नहीं या बुलाए नहीं गये?, क्या उपमुख्यमंत्रियों के पद का कोई महत्व है या नहीं?, क्या उनकी गिनती होती भी है या नहीं?
हालांकि, जब अखिलेश यादव के बयान पर टिप्पणी के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से एएनआई ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस ट्वीट की जानकारी नहीं है.
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इससे पहले अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 80 सीट पर सपा गठबंधन के चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा था कि देश बुलडोजर से नहीं, बल्कि कानून व संविधान से चलना चाहिए. यहां सपा के वरिष्ठ नेता बलराम यादव की पत्नी के निधन के बाद शनिवार को शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचे अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. यादव ने कहा कि देश बुलडोजर से नहीं, बल्कि कानून व संविधान से चलना चाहिए.
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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के संबंध में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का गठबंधन प्रदेश की सभी 80 सीट पर चुनाव लड़ेगा. सपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), महान दल, अपना दल (कमेरावादी), जनवादी पार्टी आदि के गठबंधन से चुनाव लड़ा था, जिनमें से सुभासपा और महान दल के साथ सपा का गठबंधन टूट चुका है. (भाषा इनपुट के साथ)
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