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"मैं ये बात बार-बार कहूंगा.." : 'सनातन धर्म' को लेकर विवादित बयान पर DMK नेता उदयनिधि

बीजेपी नेताओं ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे को "उदयनिधि हिटलर" बताया. वहीं विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन को 'हिंदू विरोधी' करार दिया.

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डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन.
नई दिल्ली:

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन 'सनातन धर्म को ख़त्म किए जाने' वाले बयान को लेकर विवादों में हैं. वहीं एक बार फिर से उन्होंने अपनी बात पर अड़े रहने का बात कही है. उन्होंने कहा कि "मैं ये बात बार-बार कहूंगा." हालांकि स्टालिन ने ये भी कहा कि उन्होंने सिर्फ जातिगत भेदभाव की निंदा की है.

उन्होंने कहा, "परसों मैंने एक समारोह में इसके बारे में (सनातन धर्म) बोला था. मैंने जो भी कहा, मैं वही बात बार-बार दोहराऊंगा. मैंने सिर्फ हिंदू धर्म ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों को इसमें शामिल किया. मैंने जातिगत मतभेद की निंदा की."

इससे पहले भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनकी टिप्पणियों को जातिगत क्रम की पृष्ठभूमि में लिया जाना चाहिए. उन्होंने बढ़ती विपक्षी एकता के डर के बीच भाजपा पर उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया.

स्टालिन का ये बयान भारतीय जनता पार्टी के उन हमलों के बीच आया है, जिसमें पार्टी के नेताओं ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे को "उदयनिधि हिटलर" बताया. वहीं विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन को 'हिंदू विरोधी' करार दिया.

द्रमुक कांग्रेस का सहयोगी दल है. उदयनिधि के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, "हमारा रुख स्पष्ट है. सर्वधर्म समभाव कांग्रेस की विचारधारा है, लेकिन आपको यह समझना होगा कि हर राजनीतिक दल को अपने विचार रखने की आजादी है. हम हर किसी की आस्था का सम्मान करते हैं."

इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियंक खरगे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है, वह धर्म नहीं है और 'एक बीमारी के समान है'. खरगे का कहना था, "कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है, कोई भी धर्म जो यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको एक इंसान होने की गरिमा प्राप्त है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है. इसलिए यह एक बीमारी के समान ही है."

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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने द्रमुक नेता के बयान को ''बेतुका'' और ''बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'' करार दिया.

उन्होंने कहा, "उदयनिधि का यह बेतुका बयान कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस देश में करोड़ों लोग कम या ज्यादा हद तक सनातन धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हैं."

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सिंह ने एक बयान में कहा, "इसके अलावा, दुनिया में सबसे महान सनातन धर्म मंदिर तमिलनाडु में हैं. यह चौंकाने वाली बात है कि एक जिम्मेदार नेता इस तरह का पूरी तरह से अस्वीकार्य बयान देता है. मैं शानदार तमिल संस्कृति का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मैं उदयनिधि के बयान पर कड़ी आपत्ति जताता हूं."

शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर अपनी राजनीति के लिए सनातन धर्म पर फर्जी चिंता दिखाने का आरोप लगाया और इसे पाखंड करार दिया. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "सनातन धर्म शाश्वत सत्य - जीवन जीने का तरीका - विवेक और अस्तित्व का प्रतीक है. सनातनियों ने लंबे समय तक आक्रमणकारियों के हमलों को झेला है जो उनकी पहचान को समाप्त करने के लिए किये गये, फिर भी वे न केवल जीवित रहे बल्कि फले-फूले भी."

प्रियंका चतुर्वेदी का कहना था, "देश की आधारशिला, जो सनातन धर्म से जुड़ी है, सभी आस्थाओं और पहचानों के समावेश की रही है. इसके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाला कोई भी व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ है कि इसका क्या मतलब है."

उन्होंने कहा, "इसके अलावा भाजपा द्वारा अपनी राजनीति के लिए सनातन धर्म पर दिखाई गई फर्जी चिंता उनके पाखंड को उजागर करती है, जबकि वे महाराष्ट्र में अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे सनातनियों पर बेरहमी से लाठियां बरसा रहे हैं."

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समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने द्रमुक नेता के बयान पर कहा, "भाजपा 'सनातन' शब्द की मार्केटिंग कर रही है. वे धर्म के नाम पर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं."

तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि ने आरोप लगाया है कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोनो वायरस, मलेरिया और डेंगू बुखार से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि नष्ट किया जाना चाहिए.

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