कौन हैं तेजतर्रार दिव्या मदेरणा, जिन्हें कांग्रेस ने 'मिशन कश्मीर' पर भेजा है

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिम्मेदारी मिलने पर दिव्या मदेरणा ने कहा कि मैं पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस को और अधिक मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करूंगी.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने राजस्थान में अपने पत्ते फेंटे हैं. तीन नेताओं को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. ये 3 नेता हैं- तेज तर्रार दिव्या मदेरणा, दानिश अबरार और धीरज गुर्जर. इस प्रमोशन के इस सियासी मायने हैं. दिव्या मदेरणा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की धुर विरोधी मानी जाती हैं, तो धीरज गुर्जर प्रियंका गांधी के खास हैं.  सवाईमाधोपुर से पूर्व विधायक दानिश अबरार को दिल्ली का सहप्रभारी बनाया गया है, तो दिव्या मदेरणा को जम्मू कश्मीर और लद्दाख का सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. दिव्या मदेरणा अपने तीखे तेवरों के लिए जानी जाती हैं और राजस्थान की राजनीति में उनका खूब दबदबा है. वहीं अब इन्हें एक नई जिम्मेदारी कांग्रेस की और से दी गई है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने का जिम्मा इनपर है. आखिर कौन हैं दिव्या मदेरणा आइए जानते हैं, इनके बारे में...

कौन है दिव्या मदेरणा

25 अक्टूबर, 1984 में जयपुर में जन्मीं दिव्या मदेरणा के पिता महिपाल मदेरणा कांग्रेस पार्टी के नेता थे. जबकि दिव्या मदेरणा के दादा परसराम मदेरणा ने राजस्थान विधानसभा में कैबिनेट मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं. इंग्लैंड के नॉटिंघम विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पढ़ाई करने वाली मदेरणा ने 26 वर्ष की आयु में जोधपुर के ओसियां ​​में जिला परिषद चुनाव लड़ा था और सफलता हासिल की थी.

39 साल की दिव्या मदेरणा ने साल 2018 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर ओसियां से राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. हालांकि वह 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के भेरा राम चौधरी से हार गईं थी.

Advertisement

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिम्मेदारी मिलने पर दिव्या मदेरणा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और  मल्लिकार्जुन खड़गे को धन्यवाद किया. उन्होंने एक पोस्ट करते हुए लिखा आपने मुझे AICC सचिव एवं जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख का संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया है. मेरे दादाजी श्री परसराम जी मदेरणा और पिताजी श्री महिपाल मदेरणा ने मुझे संगठन के प्रति अटूट निष्ठा और सेवा भाव की विरासत दी है. उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए, मैं इस दायित्व को पूरी तन्मयता, कुशलता के साथ निभाऊंगी. साथ ही मैं पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस को और अधिक मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करूंगी. आपके विश्वास के लिए पुनः हार्दिक धन्यवाद.

Advertisement

जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है. वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है.

Advertisement

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया है. कुल 90 विधानसभा सीटों में से एनसी 52 और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों ने दो सीटें में से एक सीपीआई एम और दूसरी पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी है.

Advertisement

चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है. जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है.

Video : Champai Soren के BJP में शामिल होने के बाद Shivraj Singh ने दिया बड़ा बयान

Featured Video Of The Day
Haryana Elections: Congress नेता ने अपनी ही पार्टी पर उठाएं सवाल, टिकट बटवारे को लेकर क्या बोले
Topics mentioned in this article