- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की निंदा सभी वर्गों ने की है
- मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हत्या को जघन्य अपराध बताया और इस्लाम में किसी की हत्या को अस्वीकार्य माना है
- बांग्लादेश पुलिस ने दीपू की हत्या के मामले में लगभग दस लोगों को गिरफ्तार कर लिया है
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की हर कोई निंदा कर रहा है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस हत्या को जघन्य अपराध बताया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदानी ने किसी की हत्या करना, या किसी को अपमानित करना भी इस्लाम में जायज नहीं है. इस्लाम किसी भी कीमत पर इसकी इजाज़त नहीं देता. अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा कि मानवता कलंकित हुई है.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग मामले में अब तक लगभग 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को लिंचिंग की निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. इस घिनौने अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. बता दें कि पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को कई हिंसक घटनाओं का सामना करना पड़ा है.
इस्लाम में हत्या किसी भी कीमत पर जायज नहीं : मौलाना महमूद मदानी
बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदानी ने कहा, 'यह बेहद शर्मनाक है. जब मुसलमान ऐसे कृत्य करते हैं, तो हम शर्म से सिर झुका लेते हैं, और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. सबसे पहले, किसी भी सभ्य समाज में किसी दूसरे इंसान की हत्या करने का अधिकार नहीं होना चाहिए. किसी ने चाहे कितना भी गलत काम किया हो, सजा देने की प्रक्रिया है, उसका पालन किया जाना चाहिए. इसके अलावा, अगर अपराधी मुसलमान हैं और पीड़ित गैर-मुस्लिम है, तो अपराध और भी जघन्य हो जाता है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. किसी की हत्या करना, या किसी को अपमानित करना भी इस्लाम में जायज नहीं है. इस्लाम किसी भी कीमत पर इसकी इजाज़त नहीं देता. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पूरे उपमहाद्वीप में उग्रवाद बढ़ रहा है और इसे रोकना होगा. इस क्षेत्र में और विश्व स्तर पर इसका मुकाबला करना होगा. दुनिया भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रही है, जिसका मुकाबला करना होगा.'
दीपू के हत्यारे इस्लाम के अनुयायी नहीं हो सकते : डॉ. इमाम उमर अहमद इल्यासी
बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या पर अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा, 'मानवता कलंकित हुई है. यह मानवता की हत्या है... जिस क्रूरता से बच्चे की हत्या की गई और उसकी मृत्यु के बाद उसके साथ जो किया गया, उसे पेड़ से लटकाना, सरासर गलत है. जिन बांग्लादेशियों की भारत ने हमेशा मदद की है, ये बांग्लादेशी भूल गए हैं कि भारत हर तरह से उनके साथ खड़ा रहा है. वे मानवाधिकार संगठन कहां हैं? वे आज आवाज क्यों नहीं उठा रहे हैं? यह किस तरह की इस्लामी शिक्षा है कि वे इस तरह की हत्याएं कर रहे हैं? ये इस्लाम के अनुयायी नहीं हो सकते... प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना चाहिए.'
युवा नेता और 'इंकलाब मंच' के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी ही हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन एक बार फिर बढ़ गए हैं. नकाबपोश बंदूकधारियों ने 12 दिसंबर को मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में हादी के सिर में उस समय गोली मार दी थी, जब वह अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रहे थे। बाद में सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
ये भी पढ़ें :- पाकिस्तान नहीं अब इस मुस्लिम देश में लगातार गायब हो रहे हैं हिन्दू, आखिर क्या है वजह














