CJI भूषण गवई के नाम पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी! नासिक में ठगों ने बुजुर्गों से करोड़ों ऐंठे

नासिक में साइबर ठगों ने CJI भूषण गवई के नाम का इस्तेमाल कर दो बुजुर्गों से ₹6 करोड़ से ज़्यादा की ठगी की.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • नाशिक में ठगों ने CJI गवई के कोर्ट में पेशी का डर दिखाकर लोगों से करोड़ों रुपये ठगे हैं
  • एक मामले में 74 वर्षीय अनिल लालसरे को फर्जी आरोप दिखाकर 72 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कराए गए
  • दूसरी घटना में एक बुजुर्ग महिला को अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर छह करोड़ रुपये ठगे गए हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नाशिक:

महाराष्ट्र के नासिक से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड सामने आया है, जहां ठगों ने लोगों को मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई के कोर्ट में पेशी का डर दिखाकर करोड़ों रुपये ठग लिए. पुलिस ने इसे ‘डिजिटल अरेस्ट' ठगी का नया रूप बताया है, जिसमें अपराधी सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई और एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लोगों को डराते हैं.

नासिक पुलिस के मुताबिक, शहर में ऐसे दो बड़े मामले दर्ज हुए हैं. पहला मामला गंगापुर रोड इलाके का है, जहां 74 वर्षीय अनिल लालसरे को ठगों ने फोन कर कहा कि उनके आधार कार्ड से एक फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है, जिसके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. उन्हें बताया गया कि उनका ‘डिजिटल अरेस्ट' हो चुका है और उन्हें CJI भूषण गवई के कोर्ट में पेश किया गया है, जहां उन पर ₹72 लाख का जुर्माना लगा है. अगर उन्होंने तुरंत यह रकम नहीं भरी, तो सीबीआई की टीम उन्हें दिल्ली ले जाएगी.

डरे-सहमे लालसरे ने ठगों के बताए बैंक खातों में आरटीजीएस के जरिए ₹72 लाख ट्रांसफर कर दिए. यह ठगी करीब एक महीने बाद तब सामने आई जब उनके परिजनों ने हालचाल लेने के लिए उनसे मुलाकात की.

दूसरा मामला और भी बड़ा है. एक बुजुर्ग महिला से 6 करोड़ रुपये की ठगी की गई. ठगों ने उन्हें सिम कार्ड और सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी और कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा रहा है. महिला ने डर के मारे कई खातों में रकम ट्रांसफर कर दी. 

दोनों मामलों में एक जैसी स्क्रिप्ट थी आपको कोर्ट में पेश किया जा रहा है, CJI खुद केस देख रहे हैं, और जुर्माना न देने पर गिरफ्तारी होगी. नासिक साइबर पुलिस ने दोनों मामलों में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में संदेह जताया गया है कि ठगों ने AI-generated आवाज़ और वीडियो कॉलिंग ऐप्स का इस्तेमाल किया.  अधिकारियों का कहना है कि यह नया ‘AI-सक्षम ठगी नेटवर्क' हो सकता है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और सरकारी एजेंसियों के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है. पुलिस अब पैसों के ट्रांजैक्शन और डिजिटल ट्रेस की मदद से ठगों का पता लगा रही है. 

ये भी पढ़ें-: गाजियाबाद मर्डरः फर्श पर मां की लाश, हत्यारा पिता फरार... इन 2 बेटियों के लिए सब उजड़ गया

Advertisement
Featured Video Of The Day
IPS Puran Singh Death Case: ASI Sandeep Lather ने IPS पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए
Topics mentioned in this article