राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला धर्म ध्वज कई मायनों में खास है. 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके ध्वजारोहण के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, ध्वजारोहण का कार्यक्रम 10 मिनट का होगा और अभिजीत मुहूर्त में ये संपन्न होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी और ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्र के मुताबिक, राम मंदिर का ध्वज साल में दो बार वासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्र में बदला जाएगा. ये धर्म ध्वज कई मायनों में बहुत ही विशेष है.
कैसा है धर्म ध्वज?
इस धर्म ध्वज का आकार 11 फीट लंबा और 22 फीट चौड़ा है. ये त्रिस्तरीय ध्वज है, जो रेशमी सिल्क फैब्रिक का है. ध्वज में पैराशूट फैब्रिक का स्तर लगाया गया है. ये ध्वज पीतांबरी/केसरिया रंग में है. बिल्कुल ऐसा रंग, जो सूर्योदय के समय सूरज की लालिमा का होता है. इस पर बेहद सुंदर हस्तकारी की गई है. शिल्पकारी से इस ध्वज पर सूर्यदेव के प्रतीक सूर्य, बीच में ऊं/ओंकार और साइड में कोविदार वृक्ष बनाया गया है. इस ध्वज को 6 कारीगरों ने तैयार किया है.
धर्म ध्वज का दंड 30 फीट का है, जो मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर के ऊपर लगा होगा. इस तरह धर्म ध्वज की ऊंचाई करीब 191 फीट हो जाएगी. अब चूंकि शिखर की ऊंचाई इतनी ज्यादा है, इस वजह से इसमें नायलॉन की डोरी इस्तेमाल की गई है, ताकि इसे खींचने के लिए पर्याप्त ताकत भी लगानी पड़े तो ये नहीं टूटे.
धर्म ध्वज में प्रतीक
- धर्म ध्वज का केसरिया रंग ज्वाला, प्रकाश, त्याग और तप का प्रतीक है
- मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर के ऊपर 30 फीट का ध्वजदंड होगा, जिससे कुल ऊंचाई- 191 फीट हो जाएगी.
- धर्म ध्वज में सूर्यदेव, प्रभु श्रीराम के सूर्यवंश के प्रतीक हैं
- 'ऊं' परमात्मा का प्रथम नामाक्षर है, जो कि चेतना और शाश्वत सत्य का प्रतिनिधित्व करता है.
- वहीं, ध्वज में अंकित कोविदार वृक्ष, त्रेतायुग में अयोध्या का राजवंशीय चिह्न है, जो पारिजात और मंदार के संयोग से बना है.
भव्य होगा ध्वजारोहण समारोह
अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण की खूब तैयारियां हो रही हैं. 25 नवंबर, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण करेंगे. ध्वज स्थापना अनुष्ठान में वेद सूक्तों के साथ ध्वज का पूजन और दिव्य औषधियों से स्नान के बाद समस्त देवों का आह्वान किया जाएगा. फिर तय मुहूर्त में ध्वजारोहरण के लिए ये मुख्य यजमान को सौंपा जाएगा. उन्होंने बताया कि राम मंदिर का ध्वज विजय के साथ धर्म-आध्यात्म और सहनशीलता का संदेश देता है.














