नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने निजी विमानन कंपनी इंडिगो (IndiGo) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर आरोप है कि उसके ग्राउंड स्टाफ ने रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चे को हैदराबाद की फ्लाइट पर चढ़ने से रोका था. इस घटना के बाद बच्चे के माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का निर्णय किया था. यह वाकया 07 मई को हुआ था. रांची हवाई अड्डे पर रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोकने के बाद इंडिगो की तरफ से कहा गया था कि बच्चा ‘‘घबराया'' हुआ था.
हवाई यात्रा के लिए देश का शीर्ष नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, ने कहा है कि जांच में यह पाया गया है कि "इंडिगो ग्राउंड स्टाफ दिव्यांग बच्चे को संभाल नहीं पाया और उसने बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोककर स्थिति को और संवेदनशील और कठिन बना दिया."
दिव्यांग बच्चे को विमान में नहीं बैठने देने पर इंडिगो ने नियमों का प्रथमदृष्टया उल्लंघन किया : DGCA
एक बयान में कहा गया, "ग्राउंड स्टाफ के दयाभाव वाले व्यवहार से स्थितियां न केवल काबू में रहतीं बल्कि बच्चे को शांत करा देने से न तो वह बोर्डिंग से वंचित होता और न ही ऐसी विकट परिस्थितियां उभर कर आ पातीं."
बयान में कहा गया है, "विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है लेकिन एयरलाइन कर्मचारी उस मौके पर अपनी जिम्मेदारी निभा पाने में विफल रहा, जो नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (विनियमों) की भावनाओं के पालन में चूक है." इसके साथ ही सक्षम प्राधिकारी ने एयरलाइन पर ₹ 5 लाख का जुर्माना लगाने का फैसला किया है.
बता दें कि 08 मई को मीडिया में मामला सामने आने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ने इस पर खुद संज्ञान लिया था और खुद मामले की जांच करने की बात कही थी. बाद में उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की का गठन किया था. तथ्यान्वेषी समिति ने इंडिगो के कर्मचारियों को नियमों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करते पाया है, जिसके बाद विमानन कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.